- देश के प्रतिष्ठित बकरी पालन फार्म लखनऊ मे प्रशिक्षण के लिए पहुँचे प्रयोग संस्था के सदस्य
- ग्रामीण अंचलो मे बकरी पालन को व्यवसाय के रुप मे अपनाकर कम लागत मे आय दुगुना करने बताई जानकारी।
मैनपुर। हमारे प्रदेश में किसान साल भर में एक बार धान की फसल लेकर अपने जिंदगी को संवारने का काम वर्षो से करते हैं समपन्न एवं बडे़ किसानों को छोड़ दिया जाए तो मंझोले किसान धान की फसल लगाने और परिवार का गुजर बसर करने हमेशा कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं। कई बार हम सबने देखा और समाचार पत्रों में पढ़ा भी हैं कि किसान ने कर्ज के बोझ तले आत्महत्या कर ली, जब ऐसी खबर पढ़ने को मिलती हैं किसानों की स्थिति पर चर्चा होती है तो संवेदना प्रगट किया जाता हैं पर किसानों को सबल बनाने की दिशा में जो कोशिश होनी चाहिए वह नजर नहीं आता है।
किसानों को धान की फसल लगाने के अलावा दूसरे अन्य आय के स्रोतों की और उनका ध्यान आकृष्ट किए जाने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ में प्रयोग समाज सेवी संस्था महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी जिले में किसानों को पशु पालन के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने का काम करती आ रही है। इसी तारतम्य में भारत सरकार से सम्मानित संस्थान द गोट ट्रस्ट लखनऊ मे 8 से 10 सितंबर तक ग्रामीण अंचलों मे खेती किसानी के साथ ही बकरी पालन को बढा़वा देते हुए आय दुगुना करने के लिए 3 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था।
जिसमे छह राज्यो के अलावा छत्तीसगढ़ से प्रयोग समाज सेवी संस्था के साथी, मार्केटिंग ऑफिसर पूरब धुरंदर एवं गरियाबंद जिला समन्वयक पूरन मेश्राम ने भाग लिया।
द,गोट ट्रस्ट लखनऊ जो एक प्रतिष्ठित संस्थान है जिन्होंने सर्वप्रथम देश में बकरियों मे कृत्रिम गर्भाधान को सफल कर प्रोत्साहित किया है साथ ही पूरे देश में ग्रामीण स्तर पर कम से कम लागत में घरेलू उत्पादों के उपयोग से बकरी पालन को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।
संस्थान के प्राध्यापको द्वारा पशुपालन के चार स्तंभ नस्ल,प्रजनन,चारा दाना,आवास स्वच्छता प्रबंधन एवं स्वास्थ्य निवारक उपायों के साथ ही समयानुसार टीकाकरण पर जोर दिया गया। इन्ही उद्देश्यो की पूर्ति के लिए अन्य राज्यो के साथ साथ छत्तीसगढ़ में कार्य कर रहे समाज सेवी संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण अंचलो में निवासरत पशुपालकों के सहयोग के लिए पशु सखी का चयन कर उनको सहायता प्रदान करेंगे।
प्रशिक्षण से वापस आने के बाद प्रयोग समाज सेवी संस्था के सदस्यों ने बताया कि हमारे ग्रामीण अंचल के किसानों के लिए धान की खेती के साथ ही पशु पालन खासतौर पर बकरी पालन की दिशा मे आगे आना चाहिए जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी होगी। संस्था के सदस्यों ने कहा कि हम पशु पालन की दिशा में आगे आने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे।
ज्ञात हो कि प्रयोग समाज सेवी संस्था विगत 40 वर्षो से छत्तीसगढ़ में कार्यरत है। जिनके माध्यम से गरियाबंद,धमतरी एवं महासमुंद क्षेत्र में पशुपालकों को सतत मार्गदर्शन देने का कार्य योजना बनाया गया है।