पति-पत्नी ने मकान की फोटो और जमीन के दस्तावेज दिखाकर ले लिया 1 करोड़ का लोन, जो घर दिखाया उसका मालिक निकला कोई और

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। रायपुर में पति-पत्नी की एक जोड़ी ने 1 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है। इन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ मिलकर चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फायनेंस एजेंसी को शातिर अंदाज में ठगा है। बातों में आकर कंपनी के लोगों ने अपने हाथों से इस जोड़े और इनके रिश्तेदारों को रकम दे दी। बदले में इन्होंने मकान और जमीन के कुछ कागज और तस्वीरें फायनेंस एजेंसी को दी। लोन लेकर पूरा गैंग रफू चक्कर हो गया। जब फायनेंस एजेंसी के लोग इनके दिए पतों पर पहुंचे तो इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो पाया। अब सरस्वती नगर थाने में इस मामले में केस दर्ज किया गया है।

कथित तौर पर कोटा में रहने वाले राजेश आहूजा और उनकी पत्नी सौम्या आहूजा ने चोलामंडलम इनवेस्टमेंट एंड फायनेंस कंपनी के पास लोन के लिए आवेदन दिया। दोनों पति-पत्नी ने बताया कि उनके अलावा उनके परिवार के विकास, प्रिया, रमेश और सुशीला आहूजा के नाम पर छोटा भवानी नगर कोटा में पटवारी हल्का नंबर 107 खसरा नंबर 129/2, 129/5 और खसरा 131/12, 143/81 में प्लाॅट नंबर 39, 40, 41 और 42 में सात मकान बने हुए हैं। इन मकानों के एवज में उन्हें 1 करोड़ का लोन दिया जाए। बातों में आकर चोलामंडलम के अफसरों ने दस्तावेजों की जांच की और लोन मंजूर कर दिया। उन्हें 60 लाख और 40 लाख रुपए का लोन नवंबर 2019 में दिया गया।

लोन की किश्तें जमा न होने की वजह से फायनेंस कंपनी ने आहूजा परिवार के लोगों को नोटिस जारी किया, लेकिन किसी ने भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। आवेदकों में सभी ने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया। कंपनी ने इसके बाद सातों मकानों को कुर्क करने के लिए मौके का निरीक्षण किया तो पता चला कि इस जगह पर जो मकान बने हैं वो आहूजा परिवार के हैं ही नहीं। वहां अन्य दूसरे लोगों का कब्जा है। उनके पास उन मकानों के दस्तावेज भी मौजूद हैं। कंपनी को इसके बाद ही पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। अब कंपनी को आहूजा परिवार से 40.50 लाख और 54.33 लाख की वसूली करनी है। धोखाधड़ी के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद कंपनी के मैनेजर प्रकाश वर्मा ने इसकी एफआईआर सरस्वती नगर थाने में दर्ज कराई है।