रायपुर। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए रेरा कानून के तहत अब रेरा प्राधिकरण ने पिछले दिनों कड़ा रुख अपनाया है। इसके तहत अब रेरा में रजिस्टर्ड नहीं कराने वाले बिल्डर कंपनियों के प्रोजेक्ट बैंकों की ओर से अप्रूव्ड नहीं होंगे। साथ ही उन्हें लोन भी नहीं दिया जाएगा। रेरा प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं से भी कहा है कि वे रेरा में रजिस्टर्ड नहीं होने वाले प्रोजेक्टों को बिल्कुल भी न खरीदे। इसका उन्हें ध्यान रखना होगा।
रेरा प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार अब रेरा में 1189 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हो चुके है। साथ ही 806 प्रमोटर्स, 508 एजेंट और 857 शिकायतों का भी निराकरण हो गया है। रेरा का गठन ही उपभोक्ताओं के हितों के लिए किया गया है। बताया जा रहा है कि रेरा प्राधिकरण के नियमों के अनुसार अगर बिल्डर ने उपभोक्ता से किए किसी भी वायदे को निभाने में लापरवाही बरती और आनाकानी की। इस पर उपभोक्ता सीधे शिकायत कर सकता है। रेरा प्राधिकरण इन दिनों उपभोक्ता हितों को देखते हुए ऐसे मामलों को जल्द से जल्द निपटाने में भी लगा हुआ है।
इस तरह के आ रहे ज्यादा मामले
रेरा प्राधिकरण के पास आए मामलों में मुख्य रूप से सुविधाएं न देने वाले और समय पर मकान पूरा न करने वाली शिकायतें ज्यादा आई है। इसमें भी खास बात यह है कि इन शिकायतों में रायपुर अव्वल नंबर है और इसके बाद ही भिलाई, बिलासपुर व दूसरे स्थान का नंबर आता है। निजी बिल्डरों के साथ ही घर बनाने वाली शासकीय एजेंसियों के खिलाफ भी रेरा प्राधिकरण में शिकायत किया जा सकता है।