नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना से मात खाने के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) बौखलाहट में है। दोनों देशों के बीच अगले दौर की सैन्य बातचीत नहीं हो सकी है, क्योंकि चीन ने तारीख कन्फर्म नहीं की है। उसकी तिलमिलाहट की वजह ये है कि पिछले तीन हफ्तों में सेना ने लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर छह नई ऊचाइयों तक पहुंच बना ली है। इन पहाड़ी इलाकों तक चीनी सेना भी पहुंचना चाहती थी, मगर भारत ने चतुराई दिखाई। 29 अगस्त और सितंबर के दूसरे हफ्ते के बीच, सेना के जवानों ने बिना नजर में आए इन छह प्रमुख हिल फीचर्स को अपने नियंत्रण में कर लिया।
भारत की कामयाबी से हैरान-परेशान चीन
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी से कहा, भारतीय सेना ने 29 अगस्त और सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच छह नई ऊंचाइयों तक पहुंच बना ली है। मगर हिल, गुरुंग हिल, रेचिन ला, रेजांग ला, मोखपरी और फिगर 4 के पास की ऊंचाइयों पर हमारे जवान मौजूद हैं। ये जगहें खाली पड़ी थीं और चीनी सैनिकों के वहां पहुंचने से पहले ही भारतीय जवानों ने रणनीतिक बढ़त हासिल कर ली। सूत्रों के मुताबिक, ऊंचाइयों पर पहुंचने में नाकाम चीनियों की हताशा के चलते ही सीमा पर लंबे अरसे बाद गोलियां चलीं। पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर हवा में फायरिंग की कम से कम तीन घटनाएं हुर्इं।
उइगरों के खिलाफ अत्याचार
चीन में हुई 2003 की जनगणना में उइगरों की आबादी करीब 90 लाख बताई गई थी जबकि अनाधिकारिक अनुमान में उनकी आबादी उससे भी ज्यादा है। उइगर चीन के 55 अल्पसंख्यक समुदायों में से पांचवां सबसे बड़ा समुदाय है। चीन की सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि उइगरों की सभ्यता को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। यहां तक कि आबादी को नियंत्रित कराने के लिए जबरन गर्भ निरोध और अबॉर्शन कराया जा रहा है। लाखों की संख्या में उइगर चीन के डिटेंशन कैंप में बंद होने की रिपोर्ट्स भी आती रहती हैं।
टॉप लेवल पर हो रही है मॉनिटरिंग
चीन की तरफ से बातचीत में कोई सकरात्मक प्रगति नहीं हुई है। चीनी सेना की ओर से बीच-बीच में अतिक्रमण की कोशिशें होती रहीं हैं। इसके बाद भारत की सेना लगातार आपरेशंस कर रही है जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाइयों तक पहुंच बनाई जा रही है। इन आपरेशंस की मॉनिटरिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे कर रहे हैं।
चीन के लिंशिया में ढहाई जा रहीं मस्जिदों की गुंबदें, चीनी ढांचे ले रहे जगह
चीन में मुस्लिमों के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार (सीपीपी) के खिलाफ मुस्लिमों पर अत्याचार के आरोप लग रहे हैं। खासकर शिनजियांग प्रांत में उइगरों की संस्कृति को खत्म करने के लिए मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप भी लगाया है। अब गान्सू के लिंशिया में भी मस्जिदों के गुंबद तोड़े जाने की खबरें सामने आने लगी हैं। इससे पहले आतुश में मस्जिद गिराकर शौचालय बनाने की खबर सामने आई थी। लिंशिया को कभी चीन का छोटा मक्का कहा जाता था। अब यहां से हर मस्जिद के गुंबद को तोड़ा जा रहा है। सैटलाइट तस्वीरों में ये साफ पता चल रहा है। चीन की सरकार पर आरोप है कि उसके कार्यक्रम के तहत चीन के शहरों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।