भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस में जीता ब्रॉन्ज, ओलंपिक में बैक टू बैक दो मेडल

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नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में एक और मेडल अपने नाम कर लिया है। हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में स्पेन को हराकर मुकाबला अपने नाम कर लिया है। भारतीय टीम ने स्पेन के खिलाफ कुल 2 गोल दागे, वहीं स्पेन की टीम केवल एक ही गोल लगा पाई। भारतीय टीम ने इससे पहले साल 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इससे पहले ओलंपिक के इतिहास की बात करें तो भारत ने लगातार यानी बैक टू बैक मेडल साल 1968 और 1972 में अपने नाम किए थे। इसके बाद कभी ऐसा मौका नहीं आया कि भारत ने दो बार लगातार हॉकी में मेडल जीता हो। लेकिन अब भारत ने इतिहास दोहरा दिया है। यानी भारत का सुनहरा दौर वापस आता हुआ नजर आ रहा है, भले ही ब्रॉन्ज मेडल के ही रूप में सही। भारत अब इस ओलं​पिक में कुल मिलाकर चार मेडल जीत चुका है। हालां​कि ये सभी मेडल ब्रॉन्ज ही है।

मैच जीतकर पीआर श्रीजेश गोल पोस्ट के ऊपर चढ़ गए। उन्होंने अहम मौके पर पेनल्टी रोके।

पहला गोल खाने के बाद टीम इंडिया ने की वापसी

मुकाबले की बात करें तो स्पेन की टीम पहले क्वार्टर में ही पहला गोल कर दिया था। भारतीय टीम को हल्की सी गलती का खामियाजा उठाना पड़ा। स्पेन को पेनाल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे स्पेन ने गोल में तब्दील कर दिया। ये भारतीय फैंस के लिए दिल तोड़ने वाला मामला था। इसके बाद जब दूसरा क्वार्टर खत्म होने वाला था, तभी 30 सेकेंड पहले भारत को पेनाल्ट कॉर्नर मिला। जिसे कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल में बदल दिया। इससे कुछ ही देर पहले भी भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला था, उस वक्त हरमनप्रीत सिंह ने कमान अपने हाथ में नहीं ली। उन्होंने अमित रोहिताश को मौका दिया। लेकिन वो गोल नहीं हो सका। इससे भारत की उम्मीदों को झटका लगा, लेकिन से दर्द ज्यादा देर तक नहीं चला और हरमनप्रीत ने वापसी करा दी। इसके साथ ही मुकाबला ​बराबरी पर आ गया। वहीं पर आधा खेल खत्म हो गया।

भारतीय टीम ने आक्रामक अपनाया रुख

इसके बाद जब तीसरा क्वार्टर शुरू हुआ तो भारतीय टीम ने आक्रामक रुख अपनाया। करीब 5 ही मिनट बाद भारत को एक और पेनाल्टी का मौका मिला। इस बार भी खुद कप्तान हरमनप्रीत ने ही मोर्चा संभाला। हरमनप्रीत ने एक और गोल दाग दिया। इससे भारत के पास लीड आ गई। यानी मैच की शुरुआत में पीछे चला रहा, भारत अब आगे हो चुका था। यानी जीत की संभावना यहां से बननी शुरू हो गई थी। इसके बाद दोनों टीमें गोल का प्रयास करती रहीं। पेनाल्टी कॉर्नर भी मिला, लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिर के 5 मिनट काफी रोचक मुकाबला हुआ। दोनों टीमें हमलावर नजर आ रही थीं, लेकिन गोल करने में सफलता नहीं मिली।

भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट किया शानदार प्रदर्शन

भारत और स्पेन की टीमें अभी तक अच्छा प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही हैं। हालांकि दोनों ही टीमों को अपने अपने सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। जहां एक ओर भारतीय टीम को जर्मनी से एक करीबी हार मिली, वहीं स्पेन की टीम नीदरलैंड्स के खिलाफ करीब करीब एकतरफा मैच हार गई थी। यानी यहां पर भी भारत को बढ़त थी। भारतीय हॉकी टीम ने इससे पहले साल 2020 में टोक्यो में खेले गए ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। भारत ने उस साल भी शानदार खेल दिखाते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन वहां भी गोल्ड और सिल्वर की दौड़ से एक मुकाबले पहले हार गई। इसके बाद भारत और जर्मनी के बीच ब्रॉन्ज मेडल खेला गया, जहां भारतीय हॉकी टीम ने मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।

ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सेलिब्रेट करती भारतीय हॉकी टीम।