रायपुर। एक अक्टूबर से जीएसटी के नियमों में थोड़ा बदलाव किया गया है। इसमें कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। नियमों में स्पष्ट कर दिया गया है कि एक से पांच तक शर्तें पूर्ण होने के बाद भी क्रेता व्यापारी को विक्रेता व्यापारी द्वारा टैक्स अनुपालन होने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्राप्ति होगी।
विक्रेता व्यापारी द्वारा अगर टैक्स में लापरवाही की गई तो क्रेता व्यापारी को नुकसान उठाना पड़ेगा। कर विशेषज्ञ देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस प्रकार नियमों में बदलाव से इनपुट टैक्स लेने में परेशानी होगी। अब बीटूबी लेनदेन के लिए इलेक्ट्रानिक चालान अनिवार्य है। थोड़ी सी भी गड़बड़ी होने पर इनपुट क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा। एक अक्टूबर से नया नियम लागू हुआ। इसके तहत 10 करोड़ तक टर्न ओवर व्यापारियों के लिए ई-इनवाइस की अनिवार्यता हो गई है।
अब तक ये थां शर्तें
1. क्रेता के पास इनवाइस अथवा डेबिट नोट विक्रेता व्यापारी द्वारा जारी होना चाहिए।
2. क्रेता व्यापारी द्वारा वस्तु अथवा सेवा प्राप्त होना चाहिए।
3. विक्रेता व्यापारी द्वारा कर का भुगतान कर दिया जाना चाहिए।
4. क्रेता द्वारा 3बी रिटर्न दाखिल कर उक्त इनपुट टैक्स को क्लेम कर लिया जाना चाहिए।
नई जुड़ी शर्तें
5. क्रेता का जीएसटी 2बी जो एक आटो पापुलेट दस्तावेज होगा, वह विक्रेता के जीएसटीआर एक के आधार पर जनरेट होना चाहिए।
6. जो इनपुट टैक्स क्रेता व्यापारी 2बी में उपलब्ध कराएगा, वह धारा 38 के तहत पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रतिबंधित न हो। नए पंजीकृत व्यापारी से संव्यवहार करने पर एक निश्चित अवधि के बाद ही आगत कर की प्राप्ति क्रेता व्यापारी को हो पाएगी।