जोगी एम्बुलेंस:कोरोना के मरीजों को पेण्ड्रा से रायपुर तक पहुंचा रही पूर्व सीएम की गाड़ी, सरकार को दी थी नहीं उपयोग हुआ तो एनजीओ को सौंपा

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की एक गाड़ी अब कोरोना पीड़ित मरीजों को पेण्ड्रा से रायपुर तक पहुंचा रही है। इसका संचालन पेण्ड्रा के एक गैर सरकारी संगठन ( एनजीओ) के जरिये होता है। विशेष रूप से अजीत जोगी की सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई वह गाड़ी उनके निधन के बाद खाली हो गई थी।

अजीत जोगी की पत्नी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी ने बताया, 2003 मॉडल की वह गाड़ी बिलासपुर में रखी हुई थी। पिछले साल 15 अगस्त को उन्होंने एक सादे समारोह में उस गाड़ी को तत्कालीन ब्लॉक मेडिकल अफसर और अभी मरवाही के विधायक डॉ. केके ध्रुव को सौंपा था। बाद में मरवाही में विधानसभा उपचुनाव घोषित हो गये। उस समय स्वास्थ्य विभाग ने एक ग्रीन नेट से ढंककर इसे रख दिया था। तर्क था कि इसका इस्तेमाल हुआ तो चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा। चुनाव के बाद भी उसका इस्तेमाल होता नहीं दिखा। उसके बाद हमने उस गाड़ी को स्वास्थ्य विभाग से वापस लेकर पेण्ड्रा में आलोक तिवारी को सौंप दिया। वे एनजीओ चलाते हैं। अब उसका उपयोग कोरोना के मरीजों को मदद पहुंचाने में हो रहा है।

अजीत जोगी ने लंबे समय तक किया है उपयोग

2004 में एक मार्ग दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने के बाद अजीत जोगी व्हील चेयर पर आ गये थे। बाद में उनकी पूरी राजनीति उसी व्हील चेयर पर हुई। बताया गया कि वह गाड़ी भी उसी समय ली गई थी। उसमें अजीत जोगी की जरूरतों के मुताबिक बदलाव किये गये थे ताकि व्हील चेयर सहित उसमें चढ़ा जा सके। जोगी ने इस गाड़ी से प्रदेश का चप्पा-चप्पा छाना था। 29 मई 2020 को उनका निधन हो गया। उसके बाद से यह गाड़ी घर पर ही खड़ी थी।

ममता को आॅफर किया था चुनावी वाहन

2018 के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी के लिये मुंबई से एक और प्रचार वाहन तैयार कराया गया था। इसमें बैठने, सोने की व्यवस्था से लेकर हाइड्रोलिक मंच तक था। अब यह गाड़ी रायपुर स्थित आवास में खड़ी है। अजीत जोगी के बेटे और मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी ने पिछले दिनों यह गाड़ी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को आफर किया था। पैर में चोट की वजह से ममता व्हील चेयर पर प्रचार कर रहीं थीं।

 

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