10 दिनों के लिए बांठिया हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजधानी रायपुर के बांठिया अस्पताल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। 10 दिनों के लिए कोविड अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

मरीजों ने तय दर से ज्यादा पैसे लेने का आरोप लगाया है। आरोप ये भी है कि लाखों रुपए लेने के बाद अस्पताल से बिल नहीं दिया जा रहा है। परिजनों ने इसकी शिकायत CMHO से की।इसके बाद कोविड अस्पताल का लाइसेंस 10 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है। अस्पताल में अब 10 दिनों तक नए मरीजों की भर्ती नहीं हो सकेगी।

बता दें इससे पहले राजधानी के दो बड़े अस्पतालों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि बेड खाली होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने बेड खाली नहीं होने की जानकारी दी थी। मामले में संज्ञान लेते हुए रायपुर सीएमएचओ ने दोनों अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दो मरीज़ों का लौटाया पैसा

साथ ही डॉक्टर मीरा ने कहा कि नोटिस जारी किया गया है, तमाम प्रामाणिक दस्तावेज़ मिलने के बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद कोविड मरीजों के इलाज के लिए दी गई मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी. जितने भी मरीजों की शिकायत मिली है, उन सभी मरीज़ों से लिए ज़्यादा रक़म वापस लौटाया जाएगा. फ़िलहाल दो मरीज़ों का पैसा वापस लौटाया गया है. पीड़ित परिजनों ने कहा कि बांठिया हॉस्पिटल को पूर्ण रूप से सील कर देना चाहिए. इसकी मान्यता रद्द करना चाहिए,  क्योंकि ये एक मरीज़ के साथ नहीं बल्कि सभी मरीज़ों के साथ क़ानून को ठेंगा दिखाते हुए मनमानी कर रहे हैं. मरीज़ों को लूट रहे हैं. इसके तमाम दस्तावेज़ हैं. बिल है. इसके बाद भी अगर कार्रवाई नहीं होती है, तो माना जा सकता है ये हेल्थ विभाग के सह में मरीज़ों को लूटा जा रहा है.

दरअसल,  बांठिया अस्पताल में 16 अप्रैल को माना निवासी भूपेंद्र वर्मा को भर्ती किया गया था. इसके बाद उनकी 28 अप्रैल को मौत हो गई थी. अस्पताल प्रबंधन ने बिना बिल चुकाए डेड बॉडी देने से मना कर दिया. परिजनों ने गहने गिरवी रख कर पैसे का बंदोबस्त किया और अस्पताल को चुकाए. अस्पताल प्रबंधन ने 5 लाख 10 हजार रुपए का बिल दिया था. इसकी शिकायत भी की गई थी. मामला मीडिया में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है.

 

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