महंत नृत्य गोपाल दास कोरोना पॉजिटिव, राम मंदिर के भूमि पूजन में पीएम के साथ हुए थे शामिल

Chhattisgarh Crimes

लखनऊ/मथुरा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र र्ट्स्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तबियत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भती कराया गया है. कोरोना जांच में नृत्य गोपाल दास संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उनको उचित स्वास्थ्य सहायता के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर बनाए हुए हैं.

भूमि पूजन पर पीएम मोदी के साथ साझा किया था मंच

महंत नृत्य गोपाल दास राम जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर थे. साथ ही इस भूमि पूजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष भी हैं. जन्माष्टमी के मौके पर वो बुधवार रात कार्यक्रम में शामिल हुए थे. गोपाल दास हर साल इस समारोह में शामिल होते हैं. इस बार वह बाल गोपाल के अभिषेक के लिए अयोध्या से पवित्र सरयू जल भी लाए थे.

सीएम योगी ने खुद मेदांता के डॉ त्रेहन से की बात

उधर कोरोना संक्रमित होने की खबर के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत नृत्य गोपाल दास की तबियत की जानकारी ली है. इस संबंध में सीएम योगी ने खुद डीएम मथुरा से बात की और मेदांता अस्पताल के डॉ नरेश त्रेहन से भी बात की है. सीएम ने महंत को तुरंत मेदांता में भर्ती करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने डीएम मथुरा को इसं सबंध में सभी जरूरी सहयोग करने का निर्देश दिया है.

बुखार और सांस लेने में तकलीफ

बता दें हर वर्ष की तरह महंत नृत्य गोपाल दास जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा पहुंचे थे, जहां उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. उन्हें बुखार और सांस लेने में तकलीफ है. आनन-फानन में डॉक्टरों को बुलाया गया. तबीयत बिगड़ने के बाद डीएम मथुरा समेत आगरा के सीएमओ व अन्य डॉक्टर इलाज के लिए सीताराम आश्रम पहुंचे. साथ ही कोविड-19 की टीम भी आश्रम पहुंची.

सरयू का जल लेकर पहुंचे थे मथुरा

बता दें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मंगलवार शाम मथुरा पहुंचे थे. वे अपने साथ सरयू नदी का पावन जल लेकर आए थे. इस बार कृष्ण जन्म स्थान पर कान्हा का तीन नदियों के जल से अभिषेक किया गया.