महासमुन्द कलेक्टर के त्वरित संज्ञान से निलंबन की गाज

 

घूसखोरी का विडियो से शासन प्रशासन की छवि धूमिल हुई

पटवारी विजय प्रभाकर निलंबित,

स्पष्टीकरण नहीं देने पर कार्रवाई

May 2,

 

 

महासमुंद,

 

शिखा दास

छग क्राईम्स

 

 

2 मई 25 —

 

 

पिथौरा अनुविभाग के ग्राम मोहगांव के हल्का नंबर 50 में पदस्थ पटवारी विजय प्रभाकर को निलंबित कर दिया गया है।

 

 

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पटवारी को कथित रूप से आम नागरिकों से धनराशि लेते हुए देखा गया, जिस पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया।

 

अनुविभागीय अधिकारी ओंकारेश्वर सिंह ने 1 मई को पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब देने के निर्देश दिए थे। हालांकि निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद भी विजय प्रभाकर की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

 

जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि वायरल वीडियो से शासन-प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।

 

यह कार्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3(2) तथा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 का उल्लंघन माना गया है।

 

निलंबन अवधि के दौरान पटवारी का मुख्यालय तहसील कार्यालय पिथौरा निर्धारित किया गया है,

 

 

तथा उन्हें मूलभूत नियम 53 के अंतर्गत जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

 

 

जिले के पिथौरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पेंड्रावन में पटवारी की कार्यशैली से क्षुब्ध ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा था। बुधवार को पेंड्रावन और आसपास के करीब दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने कल कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह को ज्ञापन सौंपा और पटवारी विजय प्रभाकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

 

 

पटवारी की निलंबन के रूप में जिले के अधिकारियों– कर्मचारियों को महासमुंद कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह का सख्त संदेश:

 

“जनता को परेशान करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। शासन-प्रशासन का दायित्व जनता की सेवा है, यदि कोई भी इस विश्वास को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।”

 

यह संदेश न सिर्फ आरोपित पटवारी के निलंबन के रूप में सामने आया, बल्कि जिले भर के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्पष्ट चेतावनी भी बनकर उभरा है।

 

ग्रामीणों को मिला भरोसा, प्रशासन पर बढ़ा विश्वास

 

कलेक्टर की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई से ग्रामीणों को न्याय की उम्मीद जगी है। लोगों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह की पारदर्शिता और सख्ती से ही प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार आएगा।

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