पिथौरा। दुर्गा मंदिर में माता की मूर्ति के जेवर चोरी करने वाले दो सगे भाईयों को स्थानीय थाना प्रभारी एनके स्वर्णकार ने चोरी की जानकारी मिलने के मात्र 4 घण्टे के बाद ही धर दबोचा. दोनों आरोपी युवकों के साथ पुलिस ने चोरी का सामान खरीदने वाले रणजीत को भी तत्काल गिरफ्तार कर चोरों को यह संदेश दिया कि वे चोरी छोड़कर मेहनत के काम में लग जाए. पुलिस के अनुसार बुधवार को वन विभाग दुर्गा मंदिर के पुजारी प्रार्थी तेजप्रसाद तिवारी निवासी नयापारा खुर्द पिथौरा ने थाना पहुंचकर मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि बीती रात वन विभाग के कार्यालय के सामने स्थित दुर्गा माता मंदिर पिथौरा के गेट का ताला तोड़कर दुर्गा मां के मुकुट के पीछे का चक्र चांदी कीमत करीब 10 हजार रुपए, गले में पहने लॉकेट, नथनी, बिंदिया सोने का कीमती करीब 14 हजार रुपए एवं चिल्हर रकम करीब 1000 जुमला कीमती 25 हजार रुपए अज्ञात चोरी कर ले गया है. जिसकी लिखित आवेदन पत्र भी पेश किया गया. बाद स्थानीय एसडीओपी पुपलेश पात्रे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी एनके स्वर्णकार ने मुखबिर सक्रिय किए.
मुखबिर द्वारा जब यह बताया गया कि अभी कुछ ही दिन पहले चोरी के मामले में जेल से जमानत पर छूटे नगर के वार्ड 12 रानी सागरपारा पिथौरा निवासी दो सगे भाई नकुल पटेल पिता स्व. सीताराम पटेल एवं गोकुल पटेल पिता स्व. सीताराम पटेल शराब के नशे में घूमते दिख रहे हैं. इस सूचना को गम्भीरता से लेते हुए दोनों भाईयों को पकड़ने पुलिस बल थाना प्रभारी श्री स्वर्णकार ने उपनिरीक्षक मनोरथ जोशी के साथ भेजा पर पुलिस को देख दोनों भाई भागने लगे. थाना प्रभारी श्री स्वर्णकार एवं उप निरीक्षक मनोरथ जोशी द्वारा अन्य स्टाफ प्रधान आरक्षक कुबेर जायसवाल, आरक्षक जुनैद खान, गोवर्धन साहू, हीरा मिश्रा, नीलम मिश्रा, नरेश जोशी, साइबर सेल कर्मचारी देव कौसरिया द्वारा उक्त दोनों भाईयो को घेराबंदी कर पकड़ लिया और पुलिस थाना लाकर पूछताछ की गई.
पूछताछ में दोनों ने उक्त चोरी कबूल कर बताया कि दुर्गा मंदिर के आभूषण को चोरी कर रणजीत देवार रानी सागरपारा पिथौरा के पास बेचे हैं. पुलिस ने आरोपियों की शिनाख्त पर चोरी का समान बरामद कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड में भेजा गया है. ज्ञात हो कि आरोपी नकुल एवं गोकुल विगत माह ही नगर के तीन मन्दिरो में चोरी करने के आरोप में जेल भेजे गए थे पर जमानत में छूट कर आते ही पुन: एक और दुर्गा मंदिर को निशाना बना लिया था.