महिला के बैंक खाते से लाखों रुपए पार, बैंक कर्मी की संलिप्तता का संदेह

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। पुराना बस स्टैंड स्थित एक्सिस बैंक की खाताधारक ग्रामीण महिला जाम बाई के अकाउंट से लाखों रुपए पार कर दिए गए शुरूआती जाँच में ठगी को अंजाम देने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर बदलकर दूसरे मोबाईल नम्बर को खाता से लिंक कर नया एटीएम जारी करते हुए अलग अलग तिथियों में एटीएम से रकम निकाला जाना पकड़ में आया है बिना किसी बैंक कर्मी की संलिप्तता के इस तरह का बैंक फ्रॉड सम्भव नही होना पुलिस मान रही है महिला की शिकायत पश्चात कोतवाली पुलिस जांच में जुट गई है।

कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित एक्सिस बैंक की खाता धारक ग्रामीण महिला भी साइबर अपराधियों का शिकार बन गयी। एक तरफ सरकार आनलाइन बैंक ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रही है लेकिन इसी के चलते अब बैंक खाते सुरक्षित नहीं रह गए हैं। खाताधारक को पता भी नहीं चलता और उसके खाते से रकम पार हो जाती है। सकरी क्षेत्र के संबलपुरी निवासी सीधी साधी ग्रामीण महिला जाम बाई के साथ भी ऐसा ही हुआ, जिनका पुराना बस स्टैंड के पास स्थित एक्सिस बैंक में बैंक खाता है। परिवार ने जमीन बेचकर उसकी रकम जाम भाई के खाते में 38 लाख रुपये जमा कराए थे। शुरूआती दिनों में उसमें से कुछ पैसे जरुर निकाले गए थे लेकिन पिछले 2 सालों से खाते में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ था, लेकिन इस बीच उनकी जानकारी के बगैर ही उनके खाते से 87,000 रु एटीएम के माध्यम से निकाल लिए गए । उनके खाते में 4 लाख रुपये से अधिक की रकम जमा थी। हालांकि बैंक ने उन्हें एटीएम जारी किया था लेकिन उनके द्वारा कभी भी एटीएम का उपयोग नहीं किया गया था। इससे पहले जब भी रकम निकाली गई चेक का प्रयोग किया गया। जब 21 सितंबर को जाम बाई खाते का बैलेंस चेक कराने पहुंची तो पता चला कि 13 अप्रैल 2020 से लेकर 16 सितंबर 2020 के बीच अलग-अलग तारीखों में एटीएम के जरिए उनके खाते से ?87,000 निकाले गए थे । इतना ही नहीं उनके खाते से और भी कई भुगतान इस बीच हुए थे। जांच में यह भी पता चला कि बिना उनकी जानकारी के ही उनका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलकर कोई और नंबर खाते के साथ लिंक किया जा चुका है और उसके आधार पर नया एटीएम भी जारी किया गया है जो किसी अमित कुमार के नाम से है। जांच में यह भी पता चला कि जाम बाई की जानकारी के बगैर ही बैंक द्वारा तीन जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी के लिए क्रमश: 1,80,000, 55,100 और 19,163 रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इतना ही नहीं उन्हीं के खाते से रेड क्रॉस मेडिकल बिलासपुर, अहूजा मोबाइल बिलासपुर, अपोलो बिलासपुर आईसीआईसीआई म्युचुअल फंड, श्यामा फ्यूल्स, आदित्य बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस इक्विटी आदि का भुगतान किया गया है । जाहिर है बिना खाताधारक की जानकारी के उनका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल देना और नया नंबर जोड़ कर उसके आधार पर किसी को एटीएम जारी कर देना और खाते से लगातार भुगतान करना यह सब बैंक कर्मियों की मिलीभगत के बगैर संभव ही नहीं है। चूंकि जाम बाई ने पिछले 2 साल से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया था इसका फायदा उठाकर कुछ शातिर लोगों ने उनके खाते में मौजूद लाखों रुपए पार कर दिए। बहरहाल मामले की शिकायत कोतवाली थाने में की गई है। इससे पहले भी एचडीएफसी बैंक में ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें भी बैंक कर्मियों की मिलीभगत ही उजागर हुई थी। इस मामले में भी बैंक कर्मियों की संलिप्तता से इंकार नही किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि बिलासपुर साइबर एक्सपर्ट कलीम खान के नेतृत्व में पिछले दिनों साइबर मितान अभियान चलाया गया इस जन जागरूकता अभियान से आमजन साइबर अपराध के तौर तरीकों से परिचित हुआ बिलासपुर पुलिस की यह अभिनव पहल रिकार्ड में दर्ज हो गई।

इस साहसिक प्रयास के बावजूद आनलाइन ठगी करने वाले पुलिस से 2 हाथ आगे चल रहे है कुछ लालचवश तो कुछ बैंक फ्रॉड बैंक कर्मियों की संलिप्तता के चलते घटित हो रही है और लोगो के बैंक खातों में रखी रकम पार हो रही है।