किरेन रिजिजू के बयान पर मोहन मरकाम का पलटवार, कहा- अर्थव्यवस्था की बदहाली, महंगाई, बेरोजगारी, भूखमरी, हिंसा के भी 8 साल पूरे हुए

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। केंद्रीय मंत्रियों किरेन रिजेजू और स्मृति ईरानी के केंद्र में मोदी सरकार के 8 साल की उपलब्धियों के गुणगान पर कांग्रेस भड़की हुई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार के ही आठ साल पूरे नहीं हुए हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की बदहाली, महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, समानता, हिंसा और नफरत के विकास के नए आठ साल भी पूरे हुए हैं। महंगाई के सवाल पर केंद्रीय मंत्रियों की खामोशी इस बात का प्रमाण है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, इस समय बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शिखर पर है, थोक और खुदरा महंगाई दर सर्वाधिक है। भुखमरी इंडेक्स में मोदी राज में भारत अपने पड़ोसी देशों बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल से भी पीछे जा चुका है। अर्थव्यवस्था तेजी से उल्टे पांव दौड़ रही है। कर्ज लगभग तीन गुना बढ़ चुका है। देश के तमाम संसाधन ओने-पौने दाम पर बेचे जा रहे हैं। चंद पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के राइट ऑफ किए गए लेकिन आम जनता को केवल जुमला मिला।

मोदी सरकार के जितने भी केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ दौरे पर आए किसी ने भी अपने विभाग से संदर्भित योजनाओं पर बात नहीं की और ना ही देश की ज्वलंत समस्याओं पर। आज भी केंद्रीय मंत्री किरेन रिजेजु मोदी दरबार में नंबर बढ़ाने कोरी चाटुकारिता का असफल प्रयास करते नजर आए।

कश्मीर में खौफ की मार्केटिंग का आरोप लगाया

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, जब जब और जहां भी भाजपा सरकार में होती है अपने राजनीतिक लाभ के लिए नफरत और हिंसा के सहारे खौफ की मार्केटिंग करने की कोशिश करती है। 1947 से 1989 तक छुटपुट घटनाओं को छोड़कर कश्मीर में हिंदू-मुस्लिम आबादी शांतिपूर्वक निवास करती रही। 90 के दशक में जब 58 भाजपा सांसदों की बैसाखी पर वीपी सिंह की सरकार थी। अटल, आडवाणी की सहमति में जगमोहन जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे जो भाजपा के सांसद और मंत्री भी रहे। उस समय कश्मीरी पंडितों को बिना किसी मदद के रातों-रात बेदखल किया गया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर इन्होंने सरकार चलाया। भाजपा ने ही 10 साल की सजा काट चुके आतंकी को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया। पठानकोट में आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान की एजेंसी को हमारे सैनिक छावनियों में घुसने की अनुमति दी। 32 साल बाद आज फिर वही खौफ कश्मीर में लौट रहा है। कश्मीर और कश्मीरियों को जलाकर भारतीय जनता पार्टी केवल राजनैतिक लाभ के लिए पूरे देश में खौफ की मार्केटिंग करने में जुटी है।

बस्तर की स्थिति से भी की कश्मीर की तुलना

मोहन मरकाम ने कहा, लगभग कश्मीर जैसी स्थिति रमन सिंह के शासन के दौरान छत्तीसगढ़ में रही। बस्तर के 644 गांव के तीन लाख से अधिक आदिवासियों को विस्थापित होने मजबूर किया गया। जगत पुजारा, पोडियम लिंगा और धर्मेद चोपड़ा जैसे भाजपाई एजेंटों का नक्सल कनेक्शन सबको पता है। मरकाम ने कहा, शांति स्थापना के लिए शासन में स्थानीय जनता की सहभागिता, विकास के अवसर, आम जनता का विश्वास और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था अनिवार्य है जिसे भूपेश बघेल सरकार ने बस्तर में बखूबी लागू किया है। पिछले तीन साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाओं में 37% और शहादत में 52% की कमी दर्ज की गई है।