मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 16 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत शोभा में निवासरत बुजुर्ग जहुर सिंह पिता लखन सिंह नेताम जाति गोड़ उम्र 56 वर्ष के जीवन में साल 1976 कहर बनकर आया जिसके कारण भयंकर हादसा होने पर मजबूत हाथ पैर वाला जहुर सिंह का पैर मे भयंकर जख्म आने से चलने फिरने में असमर्थ हो गया। तंगहाली जीवन जीते हुए वैसा ही 30 साल दर्द से व्याकुल रहते हुए मजबूरी में बाल बच्चों का पालन पोषण कर रहा था।लेकिन 2007 में उसी दर्द वाले पैर में कैंसर हो जाने से धमतरी जाकर के बाँया पैर को घुटनों के ऊपर तक कटवाना पड़ गया। नहीं कटवाने की स्थिति में जहुर सिंह शायद अभी तक जिंदा नहीं रह पाते।
घर के माली हालात उस समय ठीक नहीं होने के कारण परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही उन्हें एक पैर होने के बावजूद भी जीवन में कभी हार नहीं मानने की सबक निरंतर संघर्ष करने सिखाया गया। जिसके कारण से स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो कर दर्जी का काम करते हुए पारिवारिक बोझ को कभी वजनदार नहीं बनने दिया।
साइकिल चलाने में शौकिन एक पैर से ही साइकिल चलाते हुए चला जाता है मिलो दूर
क्षेत्र के देवी स्थल धर्म मंदिर के साथ ही परिवारिक सगा संबंधियों के यहाँ भी एक पैर और लाठी के सहारे मिलो दूर साइकिल चलाते हुए पहुँच जाता है। कितना कष्ट होता होगा समझा जा सकता है। उसके दर्द को समझ कर जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने दिलवाया था मोटराइज्ड साइकल वरिष्ठ जनप्रतिनिधि जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम के मार्गदर्शन एवं पहल से अक्टूबर 2020 में मोटराइज्ड साइकिल उन्हें दिलवाया गया। बटन दबाकर ऑटोमेटिक मोटराइज्ड साइकिल को चलाते हुए जहुर सिंह को जो खुशी मिली वैसा खुशी शायद उसके जीवन में कभी मिला हो ऑटोमेटिक मोटराइज्ड साइकिल के हैंडल को दोनों हाथ में पकड़ अपने लाठी को रखकर बटन दबाते बड़े आराम से सफर करते हुए देवी मंदिर धर्म संस्थान के अलावा सगा संबंधियों के गांव तक बड़ी आसानी से पहुंच जाता था।उसे किसी भी प्रकार के थकान महसूस नहीं होती थी।
महज 3 महीना मे ही मोटराइज्ड साइकिल का जल गया मोटर
कहते हैं सरकारी असरकारी नहीं होता है। ठीक वैसा ही हुआ दिसंबर के आते आते 3 महीना मे ही मोटराइज्ड साईकिल के मोटर जल जाने के कारण उन्हें फिर से अपने स्वयं के ही साइकल से आवाजाही करना पड़ रहा है। जो खुशी उन्हें शुरुआती दौर में मिला वह खुशी अब मातम में बदलने लग गई।
जले मोटर को मरम्मत के लिए जनपद कार्यालय मैनपुर में दिए लेकिन अभी तक जले मोटर सुधर नहीं पाया
वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के सुझाव से जनपद कार्यालय मैनपुर में जले मोटर को मरम्मत के लिए दिया गया लेकिन 6 महीना बीतने को है। अभी तक मरम्मत नहीं हो पाई है। जिसके आश मे दिव्यांग जहुर सिंह को एक दिन एक महीना जैसे लग रहा है। आज भी है इंतजार ऑटोमेटिक मोटराइज्ड साईकिल और उसमे सफर करने का लेकिन दिव्यांग का सपना कब होगा पूरा,
इस संबंध में क्या कहते हैं अधिकारी जनप्रतिनिधि
पंचायत इंस्पेक्टर जनपद पंचायत मैनपुर राजकुमार ध्रुवा, मोटराइज्ड साइकिल में आए खराबी के मरम्मत करने के लिए फिलहाल इधर कोई मिस्त्री नहीं है। रायपुर से आता है।अभी गरियाबंद ब्लॉक में उसका काम चल रहा है। दो-चार दिन में यहाँ पहुंच जाएगा। उसके बाद मोटर मे आये खराबी को मरम्मत करवा दिया जाएगा। नहीं होने की स्थिति में दूसरे मोटराइज्ड साईकिल के मोटर को निकाल कर उसके साईकिल मे फिट कर दिया जायेगा।