उरला क्षेत्र में मर्डर, खून से लथपथ मिली मजदूर की लाश

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। वो अपने गांव से कोसों दूर दो वक्त की रोटी और रोजी कमाने पहुंचा था। लॉकडाउन और कोरोना की वजह से उपजे आर्थिक संकट में परिवार कमजोर हो चुका था। बेटे ने मां-बाप का सहारा बनने की ठानी। मगर राजधानी रायपुर में आकर उसे मौत मिली। मामला उरला थाना इलाके का है 22 साल के रंजीत महिलांगे के नाम के श्रमिक की हत्या उसी के दोस्त बालाराम कुर्रे ने कर दी। बालाराम कुर्रे के सिर पर खून इस कदर सवार हुआ कि उसने हथौड़ा मार कर अपने दोस्त की जान ले ली। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि दोनों के बीच खाना पकाने की बात पर मामूली विवाद हो गया था।

करीब 1 महीने पहले रंजीत महिलांगे, 23 साल का बालाराम कुर्रे और 19 साल का आकाश घृतलहरे बिलासपुर के बिल्हा इलाके के उमरिया गांव से रायपुर काम की तलाश में आए थे। उरला इलाके की कुछ फैक्ट्रियों में यह तीनों काम करने लगे और एक ही साथ एक कमरा किराए पर लेकर रहा करते थे। आकाश घृतलहरे ने बताया कि गुरुवार की शाम आकाश और रंजीत के बीच खाना बनाने की बात को लेकर विवाद हुआ। आकाश ने दोस्तों को समझाया और खुद खाना बना कर खिलाया। तब जैसे तैसे झगड़ा शांत हो चुका था।

काम करने आकाश फैक्ट्री चला गया। उसकी नाइट शिफ्ट थी। कमरे पर रंजीत और बालाराम कुर्रे थे सुबह जब आकाश काम से लौटा तो उसने देखा कि कमरे में रंजीत की लाश पड़ी हुई है। कमरे का सारा सामान बिखरा हुआ था, जैसे दो लोगों के बीच जबरदस्त हाथापाई हुई हो। जमीन पर खून था। उसने फौरन उरला पुलिस स्टेशन में इस बात की खबर दी। मौके पर पुलिस पहुंची तो आकाश ने बालाराम के साथ रंजीत की लड़ाई की बात बताई। आसपास के इलाके में छानबीन के दौरान बालाराम एक कैंटीन में बैठा मिला। उसने बताया कि आपसी झगड़े की वजह से बदला लेने की नीयत से उसने हथौड़ा मारकर हत्या की है।

आकाश ने बताया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए बालाराम कुर्रे को थाने लेकर गई। तो उसने इधर-उधर की बातें करना शुरू कर दिया। कभी कहता था वो गांजे के नशे में है उसे कुछ नहीं पता, तो कभी पुलिस को धमकाने लगता। वो ऐसा व्यवहार ऐसा करने लगा जैसे उसका मानसिक संतुलन ठीक ना हो वह खुद को नशे में दिखाकर बचने की कोशिश करने लगा। मगर कुछ देर बाद उसका ड्रामा खत्म हुआ और उसने हत्या की बात कबूली।