भिलाई तीन के पार्षद की हत्या खुलासा: 5 आरोपी गिरफ्तार

Chhattisgarh Crimes

दुर्ग। तुलसी पूजा के दिन हुए भिलाई तीन के पार्षद की हत्या की गुत्थी को दुर्ग पुलिस ने सुलझा लिया है। आरोपियो ने दो वर्षों से चली आ रही रंजिश की वजह से प्लानिंग कर पार्षद को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपी और उनके कब्जे से कट्टा भी बरामद किया गया है।

दरअसल 15 नवंबर की रात हथखोज बंधवा तालाब भिलाई 3 के पास सूरज बंझोर की खून से सनी लाश मिली थी। इस सूचना के बाद एसएसपी बद्री मीणा सहित पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद पुलिस अधीक्षक ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिये एडिशनल एसपी संजय ध्रुव को आदेश दिए थे, जिसके बाद पुलिस और सायबर सेल की संयुक्त पांच टीम का गठन कर आसपास के लोगो से पूछताछ शुरू की गई।

पुलिस को जांच में पता चला कि संदेही दीनू पाल के साथ दो वर्षों पूर्व पार्षद के साथियों ने मारपीट की थी। जिसमे पार्षद ने अपने साथियों का साथ दिया था जिससे दीनू पाल पार्षद से रंजिश रखे हुए थे। घटना के बाद से दीनू अपने दो साथियों के साथ फरार भी चल रहा था। लिहाजा पुलिस के शक की सुई उस पर घूमी और उसकी पतासाजी की गई। तकनीकी जांच में पुलिस को उसके जांजगीर चाम्पा में छुपे होने की जानकारी मिली और सक्ति थाना प्रभारी रूपक शर्मा के सहयोग से तीन संदेहियों को गिरफ्तार किया गया व एक संदेही हथखोज क्षेत्र से पकड़ा गया। आरोपियो ने पूछताछ में हत्या की वारदात को कबूल करना स्वीकार कर लिया।

ये रही हत्या की वजह

मुख्य आरोपी दीनू के खिलाफ भिलाई के भट्टी थाने में अवैध रूप से कट्टा रखने के आरोप में आर्म्स एक्ट के तहत धारा अपराध क्रमांक 220 कायमी हुई थी। दीनू के अनुसार यह कट्टा पार्षद सूरज बंझोर का ही था और पार्षद ने उसे अपने पास रखने के लिये दिया था। पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर दीनू ने सारा इंजाम अपने सर पर ले लिया था। उसे पार्षद ने भरोसा दिलवाया था कि उसका नाम पुलिस को नही बताने पर वह उसे जेल से छुड़वाने में मदद करने के साथ ही उसकी आर्थिक मदद भी करेगा पर पार्षद सूरज बंझोर बाद में इससे मुकर गया था। इससे दीनू रुष्ट था।

जुलाई 20 में पार्षद के साथी मनोज चौधरी व आशिक विश्वकर्मा ने दीनू की पिटाई कर दी थी। इसकी एफआईआर भी पुरानी भिलाई में दीनू ने की थी जिसमे अपराध क्रमांक 194 धारा 294,506,बी 323 34 कायम हुई थी। इस लड़ाई में दीनू के विरुद्ध पार्षद ने अपने साथियों का साथ दिया था। जिसके कारण दीनू पार्षद सूरज को सबक सिखाने की सोच रहा था दीनू ने कुछ दिनों पूर्व हथकोज में एक पान ठेला शुरू किया था जिसे पार्षद ने अपने रसूख से अतिक्रमण की कार्यवाही करवाते हुए तुड़वा दिया था। इसके बाद बुरी तरह चिढ़े दीनू ने पार्षद सूरज बंझोर की हत्या की योजना बना डाली।