नहीं रहे पद्म विभूषण पंडित जसराज, सुरों की दुनिया में सन्नाटा कर गया ‘अंतरिक्ष का सितारा’

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न्यू जर्सी। पद्म विभूषण से सम्मानित महान शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका के न्यू जर्सी में सोमवार को निधन हो गया। वह 90 साल के थे। अपने 80 साल के संगीत के सफर में उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाजा गया था। यहां तक कि पिछले साल एक ग्रह का नाम भी उनके नाम पर रखा गया था। अंतरिक्ष में अपनी जगह बनाने वाला यह बेमिसाल सितारा आज धरती को अलविदा कह गया।

कार्डिअक अरेस्ट से हुआ निधन

उनकी बेटी दुर्गा जसराज ने बताया है, ‘बड़े दुख के साथ हमें यह सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी में सुबह 5:15 बजे अपनी कार्डिअक अरेस्ट के चलते अंतिम सांसें लीं।’ उन्होंने आगे कहा है, ‘हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान कृष्ण उनका स्वर्ग में प्यार से स्वागत करें जहां अब पंडित जी ओम नमो: भगवते वासुदेवाय सिर्फ अपने प्यारे भगवान के लिए गाएंगे। हम प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को हमेशा संगीत में शांति मिले।’

अनंत ब्रह्मांड में जगह बना चुके थे पंडित जसराज

पिछले साल सितंबर में इंटरनैशनल ऐस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने मंगल और बृहस्पति के बीच में पाए जाने वाले एक ग्रह का नाम ‘पंडितजसराज’ रखा था। यह ग्रह 2006वीपी32 2006 में खोजा गया था। इसके साथ ही वह पहले ऐसे भारतीय संगीतज्ञ बने जिन्होंने अनंत अंतरिक्ष में अपनी जगह बनाई। पंडिज जी ने इसे भगवान की कृपा बताया था।

दुनियाभर में फैलाया शास्त्रीय संगीत का जादू

मेवाती घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित जसराज ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर को शास्त्रीय संगीत के सुरों में पिरोया था। वह अमेरिका और कनाडा में भी संगीत शिक्षा देते थे। ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ हो या ‘ओम नम: शिवाय’, पंडित जी की आवाज और शास्त्रीय गायन अपने-आप में प्रार्थना का रिवाज बन चुका था। शास्त्रीय संगीत से अपने जुड़ने के लिए बेगम अख्तर को श्रेय देने वाले पंडित जसराज ने 14 साल की उम्र में गायन शुरू किया था।