महासमुंद और कांकेर में नवनिर्मित वायरोलॉजी लैब का हुआ शुभारंभ, 24 घंटे के भीतर मिलेगी RTPCR रिपोर्ट

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आज महासमुंद और कांकेर में नवनिर्मित वायरोलॉजी लैब का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया. मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान छत्तीसगढ़ में एम्स में केवल 1 वायरोलॉजी लैब थी, फिर हमारे विभाग द्वारा एक के बाद एक 6 पुराने मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब और उसी क्रम में चार और वायरोलॉजी लैब स्वीकृत हुए. इसके साथ ही एक वायरोलॉजी लैब इस श्रृंखला में कोरिया जिले के बैकुंठपुर में स्वीकृत है जिसे जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कोरोना की जांच में आरटी-पीसीआर जांच उच्च कोटी की जांच मानी जाती है जोकि वायरस को जल्दी से डिटेक्ट करने के लिए बहुत उपयोगी है और यह लैब्स जांच की सीमा बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे.

सिविल लाइन्स स्थित चिप्स भवन से सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर चर्चा करते हुए लैब के निर्माण में समर्पित रहे विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया.

आगे इन जिलों में लैब प्रस्तावित

स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने बताया कि इन लैब्स के साथ ही पांच और लैब भी स्वीकृत किए गए हैं. जिसमें जशपुर, 1 चांपा-जांजगीर, 1 बलौदा बाजार, 1 दुर्ग और 1 दंतेवाड़ा में हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है. सीके साथ ही 1-1 वायरोलॉजी लैब मुंगेली और बालोद में निर्मित कर कुल 18 वायरोलॉजी लैब स्थापित कर सकेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इन वायरोलॉजी लैब में आने वाले दिनों में हम 1000 टेस्ट प्रतिदिन कर सकेंगे. इस वर्चुअल बैठक में एसीएस रेणु पिल्लई, एम्स डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. नितिन, प्रोफेसर चिकित्सा शिक्षा आर के सिंह समेत अन्य उपस्थित रहे.

इन जिलों में पहले से है लैब

प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरबा, कोरिया, जशपुर, जांजगीर, दुर्ग, दंतेवाड़ा और बलौदाबाजार में भी वायरोलॉजी लैब की स्थापना का काम प्रारंभ किया जा चुका है. वर्तमान में एम्स रायपुर सहित प्रदेश के छह शासकीय मेडिकल कॉलेजों रायपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए आरटीपीसीआर जांच की जा रही है.