मैनपुर क्षेत्र के नदी-नालों में पुल का निर्माण नहीं

गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में होती है परेशानी

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में आज भी आजादी के सात दशक बाद नदी- नालों में पुल निर्माण नहीं होने के कारण ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर बारिश के चार माह आना-जाना करना पड़ता है। खासकर राशन ले जाने के लिए ग्रामीण उफनते नदी को कई बार पार करते है।

वहीं दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा के अभाव के चलते गर्भवती महिलाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को नदी पार कर अस्पताल तक पहुंँचाना पड़ता है। डिलीवरी के बाद भी जच्चा-बच्चा को नदी पार कर घर तक ले जाना पड़ता है।

विकासखंड़ मुख्यालय मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र के अड़गडी, शोभा, शुक्लाभाँठा,बरगाँव नाला,उड़ीसा सीमा से लगा हुआ गौरगाँव के समीप सोढूँर नदी,साहेबिनकछार जाने वाली मार्ग मे गोडे़ना नदी मे पुलिया का नितांत आवश्यक है।

क्योंकि वनाँचल क्षेत्र मे बसे कई ग्राम, पारा, टोला तक पहुंँचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण नहीं किया गया है। नदी-नालो में पुल नहीं है। जिसके कारण बारिश के दिनो में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, गरियाबंद जिला के प्रभारी मंत्री,विधायक बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से क्षेत्रीय मुखिया अर्जुन सिंह, नायक, दैनिक राम मंडावी ने पुल निर्माण कराने की मांग किया है।

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