10 लाख के सरकारी भवन में रहने वाला कोई नहीं

सरकारी भवन मे बिजली पानी के व्यवस्था नही होने से महिला पर्यवेक्षक भी रहने से कर रही इंकार

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 16 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत शोभा में वर्ष 2014_ 2015 मे महिला पर्यवेक्षक आवास निर्माण 9 लाख 40 हजार रुपये का ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया गया था। विशाल भवन बनकर तैयार हो जाने के 5 वर्ष बाद भी महिला बाल विकास के जिम्मेदार आंगनबाड़ी महिला पर्यवेक्षक द्वारा अभी तक आवास गृह का उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण लाखों रुपए के सरकारी भवन खंडहर में तब्दील होने जा रहा है।

ज्ञात हो कि विकासखंड मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र के 8 ग्राम पंचायत मे 7 पंचायतों के गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन निगरानी का जिम्मा महिला पर्यवेक्षक के ऊपर होने से खंड मुख्यालय मैनपुर से आवाजाही में परेशानियों को देखते हुए प्रशासन द्वारा क्षेत्र के केंद्र बिंदु शोभा में महिला पर्यवेक्षक आवास गृह निर्माण में किया गया है। लेकिन उसमें बिजली ,पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण वहां पर महिला पर्यवेक्षक यहां निवास नहीं कर रही है।

संबंधित विभाग ने भी भवन बनाते समय इस बात का ध्यान भी नही रखा हैं कि बिना बिजली और पानी के कोई महिला कर्मचारी वहा रहेगी तो कैसे। मूलभूत सुविधाओं को दरकिनार जिस प्रकार से संबंधित विभाग ने भवन बना भर दिया है उसे हम शासकीय राशियों का दुरुपयोग कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लंबी दूरी तय करके खंड मुख्यालय मैनपुर जाना पड़ता है। अगर महिला पर्यवेक्षक के लिए शोभा के आवास गृह में समुचित बिजली पानी की व्यवस्था कर दिया जाता तो वहां रूकने के लिए तैयार हो जाती लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने विभागीय कार्यों के लिए खंड मुख्यालय मैनपुर जाना पड़ता है। जिससे समय और आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है। बहुत सारे कार्यों का संपादन शोभा में ही हो सकता है।.

ग्रामीणों की मांग 5 वर्षों से महिला पर्यवेक्षक आवास गृह सुना पड़ा हुआ है।वहां पर समुचित व्यवस्था बिजली पानी का करते हुए महिला पर्यवेक्षक को रहने के लिए आदेशित करने का मांग क्षेत्र के मुखियाओ ने जिला के कलेक्टर व एसडीएम मैनपुर से किया है।

अधिकारी से संपर्क नही हो …

इस संबंध मे जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग गरियाबंद से जानकारी लेनी चाही लेकिन फोन रिसीव नहीं किये जाने से बातचीत नहीं हो पाई।