पटवारियों पर अब आसानी से दर्ज नहीं होगी FIR : पुलिस जांच के बाद करेगी कार्रवाई

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पटवारी जिन मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। राज्य सरकार ने उससे जुड़ा एक अहम आदेश जारी कर दिया है। अब प्रदेश के पटवारियों को पुलिस सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। उनके खिलाफ शिकायत मिलते ही FIR दर्ज नहीं कर सकेगी।

पटवारियों के वेतन संबंधी आदेश जारी।

जारी हुए आदेश में पुलिस को पटवारियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों के मामले में पहले जांच करने को कहा गया है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी या FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। यह ऑर्डर प्रदेश के तमाम कलेक्टर को जारी कर दिया गया है।

पटवारियों की दूसरी मांग थी वेतन से जुड़ी हुई। इसको लेकर भी एक महत्वपूर्ण आदेश शुक्रवार को जारी हुआ है। इस आदेश में राज्य सरकार के भू अभिलेख विभाग की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि पटवारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ दिया जाए। पटवारियों का वेतन 1 अप्रैल 2017 की तारीख में संशोधित किया गया था। पटवारियों की शिकायत थी कि बहुत से जिलों में संशोधित वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है। इसलिए नया आदेश जारी करते हुए, पटवारियों को संशोधित वेतनमान के अनुसार ही वेतन देने के निर्देश भू अभिलेख विभाग के सचिव सह आयुक्त ने जारी किए हैं।

पुलिस के लिए जारी निर्देश।

अब जानिए पटवारियों के खिलाफ क्या करेगी पुलिस

नए आदेश के मुताबिक पुलिस को कार्रवाई करने की छूट होगी। लेकिन FIR दर्ज करने से पहले जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी आदेश में लिखा गया है कि ऐसी शिकायतें जहां संज्ञेय अपराध जैसे हत्या, बलात्कार, दहेज हत्या, अपहरण, दंगा करने का शक हो या भ्रष्टाचार का आरोप हो तो पहले प्रारंभिक जांच की जाएगी।

इस जांच की जानकारी शिकायतकर्ता, आरोपी पटवारी, नियंत्रक जिला अधिकारी या कलेक्टर – एसपी को भी दी जाएगी। आदेश में कहा गया है कि अगर जांच में पटवारी के खिलाफ संज्ञेय अपराध या भ्रष्टाचार की बात सही पाई जाती है तो अपराध पंजीबद्ध करके जो नियमानुसार कार्रवाई होती है वह की जाएगी । शिकायत मिलने पर प्रारंभिक जांच 7 दिन के भीतर पूरी करनी होगी। इस संबंध में भी सभी कलेक्टरों को सर्कुलर भेजा गया है।