अब राजधानी रायपुर के शहर चौक-चौराहों पर भिखारियों का नहीं लगेगा मजमा

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. शहर के चौक-चौराहों पर भिखारियों का अब मजमा नहीं लगेगा, क्योंकि भिखारियों को अब चौराहों से रेस्क्यू कर छोड़ा नहीं जाएगा, बल्कि उनको तीन महीने तक सुधार गृह में रखकर सुधारा जाएगा, फिर उनको पैतृक निवास तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए एसएसपी अजय कुमार यादव की पहल पर पहली बार भिखारी सुधार गृह बनाने प्लान बनाया गया है। हफ्तेभर में सुधार गृह बना लिया जाएगा। सुधार गृह में उनको रखकर बकायदे सुधरने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उनका उनका नाम-पता, मोबाइल नंबर समेत पूरा विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। अब जल्द ही पुलिस विभाग चौराहों से भिखारियों को रेस्क्यू करने अभियान चलाएगा।

तीन कमरों का होगा सुधार गृह

अफसरों के मुताबिक भिखारियों के लिए तीन कमरों के मकान का सुधार गृह बनाया जाएगा। यहां भिखारियों को 15 दिन से 90 दिनों तक रखा जा सकेगा। यहां भोजन से लेकर तमाम सुविधाएं रहेंगी। यहां रखने के बाद पुलिस और संबंधित विभाग द्वारा भिखारियों को उनके पैतृक निवास पहुंचाया जाएगा।

दरअसल शहरभर के चौक-चौराहों पर वर्तमान में 100 से 1500 महिला-पुरुष और बच्चे भीख मांग रहे हैं। इनमें कुछ भिखारी छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों से हैं तो कुछ महाराष्ट्र के गोंदिया, नागपुर, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के हैं। पुलिस अभियान चलाकर उनको पकड़ती है और उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग को सुपुर्द करती है, लेकिन महज चंद घंटों में भिखारी छूट जाते हैं। इसके बाद चौराहों पर पहुंचकर दोबारा भीख मांगने लगते हैं। इसे देखते हुए एसएसपी ने संबंधित विभाग के साथ मिलकर भिखारी सुधार गृह बनाने का प्लान तैयार किया है।

भिखारियों को रखने के लिए सुधार गृह बनाया जाएगा। शहरभर से भिखारियों को रेस्क्यू कर यहां रखा जाएगा। तीन महीने बाद उनको पैतृक निवास तक पहुंचाया जाएगा।

– अजय कुमार यादव, एसएसपी, रायपुर