न्यूनतम समर्थन मूल्य को अपना हक बताया
पूरन मेश्राम/मैनपुर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा एवं आदिवासी भारत महासभा की ओर से मैनपुर जिडा़र चौक पर आज 14 मार्च को विशाल धरना प्रदर्शन एवं सभा कर एस.डी.एम कार्यालय तक रैली निकाली गई।
अनुविभागीय अधिकारी को महामहिम राष्ट्रपति एवं कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया गया। सभा को संबोधित करते हुए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी)रेड स्टार के राज्य सचिव कॉमरेड सौरा ने कहा कि आज 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों का कार्यक्रम चल रहा है,किसान आंदोलन में पिछले बार सैकड़ो किसानों ने कुर्बानी दी है, उस वक्त केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बड़े जोर शोर से प्रचार किया था कि तीन कृषि कानून किसानों के हित में है लेकिन किसानों के राष्ट्रव्यापी विरोध के कारण सरकार ने जन विरोधी तीन कृषि कानून को वापस लेना पड़ा था औऱ किसानों की शेष मांगो को पूरा करने के लिए एक कमेटी बनाया लेकिन दो साल गुजर जाने के बाद भी मांग पूरा नहीं हुआ, तब जाकर किसानों ने मजबूर होकर 12 फरवरी 2024 से दिल्ली बॉर्डर मे आंदोलन कर रहे हैं, आंदोलन का 32वां दिन है,बीजपी/आरएसएस की फासिस्ट मोदी सरकार ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए दुश्मन जैसा व्यवहार करना शुरू कर दिया है,अब तक 8 किसानों की मृत्यु हो चुका है। हजारो लोग जख्मी है,शम्भू बॉडर एवं खनौर्री बॉडर एवं दिल्ली से जाने वाले अन्य बॉर्डर पर युद्ध जैसा माहौल बना दिया गया है। किसान शांति पूर्वक दिल्ली जाना चाहते हैं।उन्हें दिल्ली जाने से रोका जा रहा है। सरकार के साथ पांच मर्तबा बैठक किसानो की हुई है, सरकार किसानों से पूर्व में किये गये वादों को पूरा करने के बजाय सौदेबाजी करने पर तुली है।
केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ डॉ स्वामीनाथ को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करती है वहीं दूसरी तरफ डॉ स्वामीनाथन की किसानों के लिए जो अनुशंसा है उसे लागू नहीं करती है, यह किसानों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है,देश के मेहनतकश मजदूर, किसान एवं आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा,इन पर लगातार दमन बढ़ रहा है,इन्हें अदानी अम्बानी का गुलाम बनाने पर मोदी सरकार तुली है।यह एक चिंताजनक विषय है।कोविड के पहले भी मोदी सरकार जन विरोधी सी ए ए,(CAA) एन पी आर (NPR) NRC एन आर सी कानून लेकर आई थी कि लेकिन जनता का विरोध एवं कोविड के चलते लागू नहीं किया था, आज चुनाव के दौर में इस जन विरोधी कानून को लागू किया जा रहा है।
जिसका देश की जनता विरोध कर रही है, हम सबको इस जन विरोधी CAA ,NRC, NPR को वापस लेने की मांग करनी है ।
आदिवासी भारत महासभा के महासचिव युवराज नेताम ने कहा कि लम्बे समय से काबिज जमीन का मालिकाना हक नही दिया जा रहा है।काबिज जमीन एवं जंगलो से आदिवासियों को हटाया जा रहा है । हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला उत्खनन के लिए जारी स्वीकृति एवं बस्तर संभाग में माओवाद के नाम पर निर्दोष आदिवासियों पर हमले बंद होना चाहिए और सभी मुठभेड़ों का न्यायिक जांच किये जाने की मांग की,छत्तीसगढ़ में गेल इंडिया पाईप लाइन से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए, आंगनबाड़ी,अंशकालिक एवं अनियमित कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए।
आज भी कई गांव में शुद्ध जल, बिजली,सड़क एवं शौचालय निर्माण नही किया गया है,तत्काल बनाया जाने का मांग किया।आगे कहा कि मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण रखें, भोजन, दवाओं, कृषि-इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाएं, पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में काफी कमी करें।वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, खिलाड़ियों को रेलवे द्वारा कोविड के बहाने वापस ली गई रियायतें बहाल की जाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनानी है। सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने,नई शिक्षा नीति, 2020 को रद्द करने, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) का कड़ाई से कार्यान्वयन, वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन वापस लेंने की मांग किया, जोतने वाले को भूमि सुनिश्चित करना चाहिए।अंत में कक्ष क्रमांक 1076 पेंड्रा के समीप सामान्य वन मंडल मैनपुर परिक्षेत्र मे फारेस्ट गार्ड देवदत्त तिवारी ने द्वारा अवैध रूप से बिना मार्किंग,नम्बरिंग एक नग इमारती साल (सराई)पेड़ को काटा गया है।जिसकी जांच किया जाना चाहिए।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा का अध्यक्ष भीमसेन मरकाम ने कहा कि क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करें और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को ख़त्म करें। खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन करें और स्थानीय समुदायों, विशेषकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित खदानों से लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित करें।बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को वापस लें। कोई प्री-पेड स्मार्ट मीटर नहीं। काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाये। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा का विस्तार और कार्यान्वयन (प्रति वर्ष 200 दिन और 600 रुपये प्रति माह मजदूरी)। शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनाये जाने का मांग की।अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव हेमंत कुमार ने कहा कि किसानों को बीज, उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाएं, किसानों की उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दें और खरीद की गारंटी दें। किसानों की आत्महत्याओं को हर कीमत पर रोकें लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। कॉर्पोरेट समर्थक पीएम फसल बीमा योजना को वापस लें और जलवायु परिवर्तन, सूखा, बाढ़, फसल संबंधी बीमारियों आदि के कारण किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सभी फसलों के लिए एक व्यापक सार्वजनिक क्षेत्र की फसल बीमा योजना स्थापित करें। मजदूरों को मालिको का गुलाम बनाने वाली चार श्रम सहिंता को वापस लिया जाए। सभी कृषक परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी योजना की घोषणा करें।केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू करें, जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था।
सभी शहीद किसानों के लिए सिंधू सीमा पर स्मारक, मुआवजा दें और उनके परिवारों का पुनर्वास करें, सभी लंबित मामलों को वापस लें, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर मुकदमा चलाया जाए।
नई पेंशन योजना(एनपीएस) को ख़त्म करें। पुरानी पेंशन योजना(ओपीएस )को बहाल करें और सभी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें। संविधान के मूल मूल्यों-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियों, भाषाओं, कानून के समक्ष समानता और देश की संघीय संरचना आदि पर हमला बंद करने को कहा भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन(डब्लू टी ओ) से बाहरआने को कहा।
सभा को पदमलाल नेताम ज़िडार ,सियाराम ठाकुर मैनपुर कला, बलिराम नेताम गोपालपुर,परमेश्वर मरकाम ,मन्नूलाल चौहान सजपाली छुरा, प्रताप मरकाम बुडार ,गौकरण नागेश, ताराचंद धृतलहरे, विजय ध्रुव, राजू नेताम दर्रीपारा ने भी संबोधित किया।रमेश कुमार ,डोमार कपिल ज़िडार,महेन्द नागेश,सज्जन सिंह मैनपुर कला, मुकेश सोनी,गोरे लाल नागेश,जगत राम नेताम गौर गांव ,संतोष निर्मलकर सहित सैकड़ो लोगो ने कार्यक्रम में शामिल हुए।