रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत मुख्यमंत्री निवास से बेरोजगार युवाओं को खाते में 34 करोड़ 55 लाख 65 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ते के तहत ट्रांसफर किए। प्रदेश के 1 लाख 29 हजार 886 बेरोजगार युवाओं के खाते में मुख्यमंत्री ने ये राशि ट्रांसफर की है। इस दौरान डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े वहीं मंत्री अमरजीत भगत भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मे छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की है।इसके जरिए जिन बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किया है, उनको 2500 रुपये प्रति महीना दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि इस योजना के तहत अप्रैल महीने से अब तक 146 करोड़ 98 लाख से ज्यादा की राशि बेरोजगार युवाओं के खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है।
CM ने कहा रोजगार मिलने पर मिलेगी ज्यादा खुशी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हर महीने महीने की आखिरी तारीख को युवाओं के खाते में बेरोजगारी भत्ते की राशि ट्रांसफर की जाती हैं लेकिन कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा है इसलिए भत्ता देने का फैसला आज किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारों के खाते में पैसा भेजने के दिन बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था लेकिन आज रक्षाबंधन पर्व है इसलिए कार्यक्रम वर्चुअल आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बेरोजगारों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए यह योजना चालू की गई क्योंकि जो गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार के लोग हैं, वे अपने जरूरी खर्चे में कटौती कर बच्चों को पढ़ाते हैं और पढ़ लिख कर तैयार होने के बाद कई बार जब जॉब नहीं लग पाती या फिर व्यापार नहीं कर पाते तब इस परिस्थिति में पढ़े-लिखे युवाओं को लगता है कि वह घर के लिए बोझ बन गए हैं। कई बार उन्हें घर से भी उन्हें तंज कसा जाता है। ऐसे समय में जो ढाई हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता सरकार की ओर से दिया जा रहा है उसे उनके जेब खर्च और पढ़ाई के कुछ खर्च निकल जाते हैं। सीएम ने कहा कि इन सबके बाद भी लेकिन जब युवाओं को रोजगार मिलेगा तब उन्हें ज्यादा खुशी मिलेगी।
बता दें कि इसी साल एक अप्रैल से राज्य में इस योजना की शुरुआत हुई है। इस योजना का फायदा उन्हीं आवेदकों को मिल रहा है, जिनकी खुद के आय का कोई जरिआ नहीं है और आवेदक के परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से ज्यादा नहीं है। पारिवारिक आय के लिए तहसीलदार या उससे उच्च राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र बेरोजगारी भत्ता की आवेदन तिथि से एक साल के भीतर बने प्रमाण पत्र को मान्य किया जा रहा है।