मुख्यमंत्री साय की पहल पर आसान हो रहा आवागमन, सालों से रुके विकास कार्यों ने पकड़ी रफ्तार

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. आज के दौर में परिवहन भी बुनियादी जरूरतों में शामिल हो चुका है। राज्य में विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने इस विषय पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए अपने कार्यकाल के शुरुआती एक साल में ही सालों से रुकी और जरूरतों वाली अधोसंरचनाओं के विकास पर काम शुरू कर दिया है। आने वाले समय में प्रदेश में लगभग 60 से 70 हजार करोड़ रुपये के लागत का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने को है. तमाम आधारभूत और बुनियादी संरचनाओं को मजबूत बनाने के तारतम्य में ही राज्य की साय सरकार ने प्रदेश की सड़क, रेल और हवाई सेवाओं को भी जोरदार बढ़ाया है। समग्र विकास की यह पहल छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, कनेक्टिविटी में सुधार करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में भी बहुत कारगर होगी।

छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख शहर बिलासपुर और जगदलपुर से शुरू होने वाली नयी उड़ानों ने इस क्षेत्र की जनता के सपनों को नई उड़ान दे दी है। सभी राज्य के मुखिया के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से अंबिकापुर में मां महामाया एयरपोर्ट का शुभारंभ किया जा चुका है। इतना ही नहीं, अंबिकापुर और जगदलपुर हवाई अड्डों में भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जशपुर और बलरामपुर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए भी बजट प्रस्तावित है। 11 हजार करोड़ रुपये से 4 राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया जा रहा है। इस परियोजनाओं की कुल लंबाई 236.1 किलोमीटर है। इसके पहले चरण के लिए 9208 करोड़ स्वीकृत भी किए जा चुके हैं। उरगा-कटघोरा बाईपास (NH-149B),बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा इस परियोजना में शामिल है।

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विष्णु देव साय सरकार के सुसाशन में आवागमन बहुत ही आसान होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ में नेशनल हाईवे को विस्तार देने की एक बड़ी योजना पर काम चल रहा है। आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में सड़कों का जाल बिछेगा। छत्तीसगढ़ में साय सरकार के सुशासन को देखते हुए ये कहा जा रहा है कि 2 सालों के भीतर छत्तीसगढ़ का सड़क नेटवर्क अमेरिकन सड़कों के नेटवर्क की तरह हो जाएगा। राज्य के मुखिया की पहल पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियन रोड कांग्रेस के अधिवेशन में छत्तीसगढ़ में 20 हजार करोड़ रुपये के कार्यों की मंजूरी दी है। इतना ही नही चार राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन किया जाएगा। राजधानी रायपुर में ही चार फ्लाईओवर और बनने वाले हैं। धमतरी से जगदलपुर, रायपुर से बलौदाबाजार-सारंगढ़, कटघोरा से अम्बिकापुर और बिलासपुर से अकलतरा-रायगढ़ से ओडिशा बार्डर तक के राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के लिए राशि स्वीकृत करने की घोषणा की है।

कई सिंगल लेन और टू लेन सड़कों के निर्माण के लिए राशि मंजूर

छत्तीसगढ़ में कई सिंगल लेन और टू लेन सड़कों के निर्माण के लिए भी राशि मंजूर की। रायपुर में सरोना, उद्योग भवन, तेलीबांधा और धनेली जंक्शन में फ्लाईओवर निर्माण के लिए भी राशि स्वीकृत करने की घोषणा भी कर दी गई है। तीन और भी सड़कें हैं जिन्हें वन टाइम इंप्रूवमेंट कार्य के लिए भी मंजूरी दी गई है। 908 करोड़ रुपये से सड़क निधि के तहत 8 अन्य कार्यों को स्वीकृति किए जा चुके हैं। केशकाल घाट और धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चार लेन चौड़ीकरण कार्य को मंजूरी मिल गई है।रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग और – बिलासपुर-उरगा-पत्थलगाँव मार्ग को समय सीमा में पूरा किया जाना है। पत्थलगाँव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग निर्माण के लिए प्रक्रियाएँ तेज हो गई है। टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच ग्रेड सेपरेटर और विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड को जोड़ने वाले मार्ग और रायपुर एक्सप्रेस वे पर ग्रेड सेपरेटर बनाने की सहमति दी गई है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोरबा- बिलासपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण का निर्णय लिया गया है।

राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने राशि स्वीकृत करने की घोषणा

केंद्र सरकार की पूँजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना का लाभ उठाने में भी छत्तीसगढ़ टॉप-5 राज्यों पर पहुँच गया है। छत्तीसगढ़ राज्य, असम, गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा, गोवा और सिक्किम जैसे राज्यों की तुलना में आगे बढ़ गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का छत्तीसगढ़ को समग्रता में आगे ले जाने वाला फार्मूला विजनरी कांसेप्ट है। मजबूत सड़क और आवागमन का सुगम साधन खेती, उद्योग, रोजगार सभी के लिए आवश्यक है विकास के लिए मुख्यमंत्री साय ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। धमतरी से जगदलपुर, रायपुर से बलौदाबाजार-सारंगढ़, कटघोरा से अम्बिकापुर और बिलासपुर से अकलतरा – रायगढ़ से ओडिशा बार्डर तक के राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के लिए राशि स्वीकृत करने की घोषणा की है।

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छत्तीसगढ़ को चार नई रेल परियोजनाओं की मिली सौगात

राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ को चार नई रेल परियोजनाओं की भी स्वीकृति मिल गई है जिनमें पहला है 240 किमी की लम्बाई और 16 हजार करोड़ की लागत से तैयार होने वाला धरमजयगढ़ पत्थलगाँव-लोहरदगा रेल लाइन, दूसरी परियोजना अंबिकापुर-बरवाडीह नई रेललाइन है, जिसकी लंबाई 200 किमी है और लागत 9 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है। तीसरी परियोजना खरसिया-नयारायपुर-परमलकसा नई रेललाइन है, जो 277 किमी लम्बी होगी और उसकी लागत 8 हजार करोड़ रुपये के आसपास होगी। चौथी परियोजना रावधाट-जगदलपुर नई रेललाइन है जिसकी लंबाई 140 किमी और लागत 3500 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस स्वीकृति के पहले ही लगभग 16 हजार करोड़ रुपये की बजट से कोरबा धरमजयगढ़ रेललाइन निर्माण का काम चालू किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में राज्य के मुखिया की अगुवाई और केंद्र सरकार के ध्यानाकर्षण से 4 अन्य रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार किया जा चुका है, जिनमें अम्बिकापुर-बरवाडीह रेलमार्ग,खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेलमार्ग,रावघाट-जगदलपुर रेलमार्ग,धरमजयगढ़-पत्थलगाँव-लोहरदगा रेलमार्ग है।

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कटघोरा से डोंगरगढ़ रेललाइन के लिए 300 करोड़ की स्वीकृति

कटघोरा से डोंगरगढ़ रेललाइन निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है इसके बनने से नागपुर-झारसुगुड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली मालगाड़ियों का लोड कम होगा। आवागमन की सुविधा में पुल निर्माण का काम भी बहुत महत्व रखता है।करतला विकासखंड के मदवानी-कछार-तराईमार-कुदमुरा मार्ग पर छिंदई नदी में बने 17.17 करोड़ रुपये के उच्च स्तरीय पुल ने ग्रामीणों को सुविधा की एक बड़ी सौगात दी है। ग्रामीण कमल सिंह चौहान कहते हैं, ‘पहले लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी और बारिश में जान जोखिम में डालनी पड़ती थी। अब यह पुल जीवन को सुरक्षित और यात्रा को सुगम बना रहा है।”