स्काई वॉक की जांच पर मूणत बोले मैं डरता नहीं हूं, SC के रिटायर्ड जज से जांच करवाएं, CM बोले-खुद पर आई तो भाषा बदली

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। रायपुर में बने स्काई वॉक की जांच अब ACB-EOW करेगा। रायपुर में ये प्रोजेक्ट पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत लेकर आए थे। कांग्रेस इसमें भ्रष्टाचार के दावे कर रही है। अब इन आराेपों पर राजेश मूणत ने पलटवार किया है। मूणत ने कहा है- मैं चुनौती देता हूं, हर जांच के लिए तैयार हूं, दम है तो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच करवाएं राजेश मूणत तैयार है। भाजपा के कार्यकर्ता ऐसी बातें से डरते नहीं है। भ्रष्टाचार तो कांग्रेस ने किया है।

मूणत ने दावा भी किया है कि प्रदेश में जारी ED के एक्शन से घबराकर कांग्रेस EOW का सहारा ले रही है। मैं तो जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हूं। बीते 4 सालों में कांग्रेस ने क्या किया, स्कायवॉक का करना क्या है ये तय ही नहीं कर पाए, वही फाइलें हैं, वही अफसर हैं ठेकेदार है, मगर अब तक कुछ नहीं किया। एक्सप्रेस वे अधूरा है। ये पूरा मामला स्क्रिप्टेड है । मैंने जो विकास के काम किए प्रदेश और राजधानी के लिए जनता जानती है।

मूणत का दावा कोई गड़बड़ नहीं
वर्ष 2016-17 के बजट में पूववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में रायपुर शहर के विकास की अवधारणा ध्यान रखते हुए स्काई वाक के लिए बजट का प्रावधान किया गया था। टेंडर से लेकर निर्माण कार्य शुरू होने तक सभी नियमों का पारदर्शिता के साथ पालन किया गया था। स्काय वाक का कार्य अपनी गति से जारी था,लेकिन इसी दरमियान चुनावी वर्ष आ गया। सत्ता का परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सरकार ने पूर्वाग्रह के प्रभाव में एक महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य रोक दिया। मूणत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की मंशा अनियमितता की जांच करवाना नहीं,बल्कि ईडी की कार्रवाई की बौखलाहट में राजनीतिक तौर पर विपक्ष को परेशान करना है।

CM बोले अच्छा अब भाषा बदल गई

स्काय वॉक जांच मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जांच एजेंसी इसके तथ्यों को परखेगी और उचित कार्रवाई करेगी। मूणत के फंसाए जाने की बात कहने पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा है – अच्छा जांच शुरू नहीं हुई और फंसाया जा रहा है फंसाया औीर मुझे कहा जा रहा थ ईडी को सहयोग करो खुद पर आने पर भाषा बदल गई अब खुद सहयोग करें पर उपदेश कुशल बहुतेरे

इस वजह से मचा है सियासी बवाल
छत्तीसगढ़ सरकार ने स्काई वॉक मामले की जांच एसीबी और ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपने का फैसला किया है। 77 करोड़ की परियोजना का जान बूझकर 2 बार इस्टीमेट तैयार किया गया था। ताकि PFIC से मंजूरी की आवश्यकता न रहे। PFIC के जरिए किसी भी परियोजना के जनहित के संबंध में परीक्षण किया जाता है, जोकि स्काई वॉक निर्माण में नहीं किया गया है।

दावा किया गया है कि विधानसभा निर्वाचन 2018 की अधिसूचना जारी रहने के दौरान ही लोक निर्माण विभाग की ओर से पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार कर 5 दिसम्बर 2018 को वित्त विभाग को भेजा गया, जो आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। स्पष्ट है यह कार्य विभाग के कुछ अधिकारियों और ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।