कश्मीर में हिंदुओं की हो रही टारगेट किलिंग पर मुख्यमंत्री भूपेश बोले- कश्मीर फाइल देखने की फुर्सत थी, पर हिंदुओं की मौत पर भाजपा मौन क्यों

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने कश्मीर में हिंदुओं की हो रही टारगेट किलिंग का मसला उठाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कश्मीर फाइल जैसी फिल्म देखने के लिए भाजपा और आरएसएस के पास फुरसत थी, मगर अब कश्मीर में हो रही हिंदुओं की हत्या पर भाजपा मौन है। मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा, वे तो कह रहे थे कि 370 हटा देने, तीन राज्य में बांट देने और विशेष दर्जा हटा देने से सब ठीक हो जाएगा सब कुछ हट गया, फिर अब स्थिति सामान्य क्यों नहीं है।

कांकेर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की रणनीति पूरी तरीके से फेल हुई है। इनकी जो सोच है वह सही नहीं थी। यह लोग तो पहले कहते थे 370 हट गया अब जाकर कश्मीर में जमीन खरीदेंगे मकान बनाएंगे। यह सब बात करते थे,लेकिन अब स्थिति क्या है जस के तस। इसके अलावा भी कुछ मुद्दों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया में बयान दिए।

मोदी सरकार के 8 साल पर सवाल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार के 8 साल पूरे होने पर कहा कि देखना है वो कश्मीर के मामले में वह क्या बोलते हैं, महंगाई के मामले में क्या बोलते हैं, पेट्रोल और डीजल गैस सिलेंडर के मामले में क्या बोलते हैं, रोजगार के मामले में क्या बोलते हैं। रेलवे में भर्ती बंद कर दी है, सेना में भर्ती बंद है। लगातार सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने का काम कर रहे हैं। नौकरी का अवसर है, उसे भी खत्म करते जा रहे हैं। इससे जो आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ,ओबीसी को मिलता था वह भी बंद होता जा रहा है। इसके बारे में वह क्या बोलते हैं। वह कहते हैं आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन नौकरी ही नहीं रहेगी तो आरक्षण कैसे मिलेगा।

भाजपा पर लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा भारतीय जनता पार्टी खरीद-फरोख्त तो करती ही है और जिन राज्य में होता है वहां के नेताओं को भी दल बल और छल के साथ अपनी पार्टी में लाते हैं। चाहे मध्यप्रदेश की बात कहो, दक्षिण की बात कहो, बंगाल की बात करें, असम की बात करें। अभी गुजरात में आप देख ले क्या चल रहा है। इनकी कार्यशैली ही यही है। इससे जो चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं, उसका सम्मान तो करना है नहीं पर बहुमत ना होते हुए भी प्रत्याशी खड़ा करना इसका मतलब यही है वह खरीद-फरोख्त करना चाहते हैं।