बिलासपुर जिले के एक लाख 23 हजार लोगों ने चिटफंड कंपनियों ने राशि वापस पाने सौंपी अर्जी

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। जिले के एक लाख 23 हजार निवेशकों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा लूटकर चिटफंड कंपनियां फरार हो गई है। हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने निवेशकों से आवेदन जमा कराया है। बिलासपुर जिले के निवेशकों ने कंपनियों से जमा पूंजी वापस पाने के लिए कलेक्टोरेट में आवेदन जमा किया है। आवेदनों की छंटाई का काम किया जा रहा है। छंटाई के बाद चिटफंड कंपनीवार सूची बनाई जाएगी।

छत्तीसगढ़ वर्ष 2009 से 180 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों ने 30 लाख 50 हजार से अधिक लोगों से अच्छे ब्याज देने का लालच देकर जीवनभर की जमापूंजी जमा करा ली। निवेशकों ने 55 हजार करोड़ स्र्पये का निवेश इन कंपनियों में किया है। लोगों की जमापूंजी हड़पने के बाद कंपनियों के कर्ताधर्ताओं ने अपने कार्यालय में ताला जड़ा और रातोंरात फरार हो गए। कंपनियों के मालिकों के फरार होने की जानकारी मिलने के बाद निवेशकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। कंपनियों के लोगों के हाथ से निकल जाने के बाद निवेशकों का गुस्सा एजेंटों पर फूटा।

एजेंटों के घर में दबिश देकर प्रताड़ित करना शुरू किया। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने अभिकर्ताओं को प्रताड़ित किया। अधिकांश अभिकर्ताओं के घर से कीमती सामान की जब्ती भी निवेशकों ने कर ली। निवेशकों और पुलिस की प्रताड़ना से परेशान अभिकर्ताओं ने संघ बनाया और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। अभिकर्ता संघ के साथ निवेशक भी आ गए। निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनियों से वापस दिलाने गुहार लगाई।

हाई कोर्ट ने जारी किया ये आदेश

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर चिटफंड कंपनियों की अचल संपत्ति का आकलन करने और इसे बेचकर निवेशकों की राशि वापस लौटाने के निर्देश दिए हंै। इसके बाद राज्य शासन ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर निवेशकों से आवेदन मंगाए।

चिटफंड कंपनियों की संख्या- 180

हड़पी राशि- 55 हजार करोड़ स्र्पये

प्रदेश में निवेशकों की संख्या- 30 लाख 50 हजार

पालिसी की संख्या- 30 लाख 26 हजार

प्रदेश में अभिकर्ताओं की संख्या- एक लाख 60 हजार