डायबिटीज में मरीज डाइट में शामिल करें ये 6 फूट्स, नैचुरल तरीके से ब्लड शुगर होगा कंट्रोल

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मीठा खाना हर किसी को पंसद होता है, खासकर जो लोग शुगर के मरीज़ है वो ज्यादा ही मीठा खाना पसंद करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि डायबिटीज के मरीज अगर मीठी चीजों का तो उनता ब्लड शुगर तेजी से बढ़ जाता है। अगर आप भी मीठा खाने से परहेज करते हैं और फलों का सेवन बेखौफ करते हैं तो संभल जाइए। क्योंकि फल भी आपकी शुगर बढ़ा सकते हैं। फल पौषक तत्वों से भरपूर होते हैं लेकिन उनमें शुगर की मात्रा भी अधिक होती है। ऐसे में आप चाहे तो कम शुगर वाले फूड्स का सेवन कर सकते हैं।

डायबिटीज में मरीज डाइट में शामिल करें ये 6 फूट्स, नैचुरल तरीके से ब्लड शुगर होगा कंट्रोल

चेरी

चेरी के एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के अलावा ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम मात्रा में पाया जाता है। जिसके कारण इसका सेवन करने से ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है। इसलिए एक सीमित मात्रा में चेरी यानि रसभरी का सेवन किया जा सकता है।

करौंदा
करौंदा एक खट्टा फल है जिसे अंग्रेजी में क्रैनबेरी कहते हैं। करौंदे को फल और सब्जी दोनों तरह से खाया जाता है। करौंदा बरसात के मौसम में फलता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल के गुण पाए जाते हैं। एक रिसर्च के अनुसार करौंदा टाइप2 डायबिटीज़ मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इसके साथ ही डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।

लीची
एक रिसर्च के अनुसार लीची में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक और इम्नूयोमॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में इंसुलनिन की मात्रा बढ़ा देते हैं। इसलिए लीची डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।

पपीता
एक अध्ययनके अनुसार पपीता में टाइप 2 डायबिटीज़ के बढ़ने की स्पीड को कम करता है। पपीते में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम मात्रा में होता है। जिसके कारण यह ब्लड शुगर के लेवल को नॉर्मल रखने में मदद करता है।

आडू
आडू में बहुत ही कम कैलोरी पाई जाती है। इसके साथ ही इसमें विटामिन सी, फाइबर के अलावा एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो ब्लड शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद है।

जामुन
जामुन का सेवन करने से भी ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा जामुन की गुठली भी डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के बीज में जंबोलीन और जाम्बोसिन नामक एक सहायक पदार्थ होता है। ये दोनों फाइटोकेमिकल्स ब्लड शुगर रिलीज होने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं और शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं। जिसससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है।