पीएम मोदी ने दी हेल्थ आईडी की सौगात, इस तरह रिकॉर्ड होगी आपकी सेहत की सारी जानकारी

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान का शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री ने बीते साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना की घोषणा की थी. फिलहाल PM-DHM छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है. PM-DHM का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ एनएचए की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ के साथ ही किया जा रहा है. आधार कार्ड या मोबाइल नंबर का उपयोग करके आपकी आईडी बनाई जाएगी. यह आईडी हेल्थ रिकॉर्ड रखने में मदद करेगी.

NDHM की प्रक्रिया में शामिल एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि PM-DHM आम आदमी की सभी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ के तौर पर काम करेगा. इसका उद्देश्य देश में एक एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है. NDHM की वेबसाइट के अनुसार, हर शख्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड बनेगा जो डॉक्टरों को डेटा ट्रैक करने में मदद करेगा. इसकी मदद से डॉक्टर मरीजों के चेकअप या स्क्रीनिंग के बारे में जान सकते हैं.

इस परियोजना को पहले केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में पायलट चरण में लॉन्च किया गया था. PM-DHM के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने कहा था- ‘इस तरह का डिजिटल कम्यूनिकेशन डॉक्टर्स के बड़े समूह तक पहुंचने में मदद करेगा. यह न केवल स्वास्थ्य प्रणाली मददगार साबित होगा बल्कि नीति निर्माताओं के लिए भी डेटा जुटाने में मदद करेगा.’

कैसे काम करेगी यूनिक हेल्थ आईडी?

इस योजना में यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी, हेल्थ केयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हेल्थ फैसेलिटी रजिस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड शामिल है. योजना का पहला उद्देश्य इनके माध्यम से स्वास्थ्य सेवा के लिए एक डिजिटल वातावरण बनाना है. सरकार की योजना है कि बाद में इसमें टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसियों को इंटीग्रेट किया जाए.

सरकार के अनुसार हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स में किसी शख्स की पहचान की प्रक्रिया को प्रमाणित करने के लिए एक हेल्थ आईडी महत्वपूर्ण है. हेल्थ आईडी का उपयोग लोगों की पहचान करने, उन्हें प्रमाणित करने और उनके हेल्थ रिकॉर्ड ( रोगी की सहमति से) को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. आईडी जेनरेट करने के लिए सिस्टम डेमोग्राफिक, लोकेशन, परिवार/रिश्ते और कॉन्टैक्ट डिटेल्ट्स सहित कुछ बुनियादी जानकारी इकट्ठा करेगा.

डॉक्टरों को डिजिटल मंच पर लाने के अलावा सरकार चिकित्सा की आधुनिक और पारंपरिक सेवाओं में काम करने वाले सभी हेल्थ प्रोफेशनल्स के लिए खास जगह बनाएगी. इसकी मदद से पूरे भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं का एक व्यापक भंडार भी तैयार होगा. बताया गया कि ‘इसमें अस्पतालों, क्लीनिक्स, लैब्स, इमेजिंग सेंटर्स समेत फार्मेसियों आदि सहित सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं.’

कैसे बनाए जाएंगे हेल्थ रिकॉर्ड?

पहले हेल्थ आईडी बनाई जाएगी जिसके बाद किसी व्यक्ति से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जाएगी. फिर उन व्यक्तियों की सहमति लेने के बाद इस जानकारी को स्वास्थ्य आईडी से जोड़ा जाएगा. NDHM की वेबसाइट के अनुसार, ‘पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड-सिस्टम’ शख्स को उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मैनेज करने में मदद करेगी. इसमें सभी हेल्थ डेटा, लैब रिपोर्ट, ट्रीटमेंट डीटेल्स, एक या उससे अधिक मेडिकल फैसेलिटी की डिस्चार्ज समरी भी मिल सकेगी.’

इसमें ‘इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड’ बनाया जाएगा. सरकार के अनुसार यह मरीज के चार्ट का एक डिजिटल संस्करण है. इसमें मरीज के ट्रीटमेंट का विवरण और मेडिकल हिस्ट्री मिल सकेगी.