पुलिस स्मृति दिवस: जब चीन ने किया था सीआपीएफ पर पहला वार, 21 अक्टूबर 1959 की पूरी कहानी

Chhattisgarh Crimes

भारत आज उन वीर जवानों को सलाम कर रहा है जिन्होंने देश की सेवा में अपने प्राणों का बलिदान दिया. पूरा देश आज पुलिस स्मृति दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स को बधाई दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेशनल पुलिस मेमोरियल जाकर बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने अपने बधाई संदेश में सीआरपीएफ को ‘बेहतरीन फोर्स’ बताया और कहा कि इसकी बहादुरी और प्रोफेशनलिज्म को सब सराहते हैं.

इस दिन को आजाद भारत के बाद ड्यूटी पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले 34 हजार पुलिसकर्मियों की शहादत के तौर पर मनाया जाता है। 21 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस दिवस के पीछे भारत-चीन सीमा पर तनाव की कहानी की शुरूआत होती है।

आज ही के दिन 1959 में पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारतीय सेना पर हमला किया था। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दस जवान शहीद हुए थो। भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब सीमा पर सेना के जवान नहीं बल्कि पुलिस के जवान तैनात थे।

पूर्वी लद्दाख में सीआरपीएफ के 15 जवान हॉट स्प्रिंग के पास गश्त कर थे। तभी घात लगाए बैठी चीनी सेना की टुकड़ी ने उन पर हमला कर दिया। इसमें 10 जवान मौके पर ही शहीद हुए थे, जबकि पांच को चीनी सेना ने बंधक बना लिया था। सरकारी रिकॉर्ड्स बताते हैं कि सीआरपीएफ दल के प्रमुख डीएसपी कमर सिंह ने चीनी सैनिकों की बड़ी टुकड़ी और तकनीक से लैस हथियारों को देखते हुए सरेंडर कर दिया। इसके बावजूद सीआरपीएफ के जवान कमजोर नहीं पड़े और उन्होंने 3 सैनिकों को मार गिराया।

यह घटना भारत-चीन के सैन्य इतिहास में एक ट्रिगर पॉइंट की तरह देखी जाती है। इसके बाद, दोनों देशों के रिश्ते खासे बिगड़ गए थे। सीमा पर विवाद बढ़ने के बाद दिल्ली ने दखल दिया और चीन ने भारत के जवानों के शव और जिंदा जवानों को लैटाया था। इस घटना के बाद ही आईटीबीपी को सीमा पर तैनात किया गया।

पुलिस स्मृति दिवस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिसवालों ने देश की सुरक्षा के लिए बलिदान दिया है, उन्हीं के बलिदान के कारण आज देश विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। अमित शाह ने कहा कि जब देश अपने त्योहार मनाता है, तब पुलिसवाले ड्यूटी कर रहे होते हैं। अमित शाह ने बताया कि इस साल 260 पुलिसकर्मियों ने शहादत दी है, आज स्मारक के जरिए नई पीढ़ी को पुलिस के बलिदान के बारे में जानने को मिल रहा है।

Exit mobile version