पूरन मेश्राम/मैनपुर। सुदूर वनाँचल क्षेत्र में निवास रत ग्रामीणों को आज तक सरकार समुचित रूप से स्वास्थ्य सुविधा दिलाने में नाकाम रही है।
जायज मांग के लिए आंदोलन करने वाले ग्रामीणों को फिलहाल खुश करने के लिए आनन फानन में सरकार दूसरे विभाग के छोटे से भवन में अस्पताल तो खोल दिया जाता है केवल खानापूर्ति के लिए,, एक -एक लैब टेक्नीशियन,वार्ड बाय और स्टाफ नर्स के भरोसे संचालित होने वाले अस्पताल की दशा और दिशा क्या होगी समझा जा सकता है। बरसात के दिनों में सर्दी खांसी मलेरिया उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या भयंकर बढ़ जाती है इलाज कराने के लिए ग्रामीणों को मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों की शरण लेनी पड़ती है। जिससे भारी भरकम फीस से आर्थिक तंगी से जूझने वाले ग्रामीणों को भयंकर परेशानी होती है। हम बताने जा रहे हैं,, विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के राजापड़ाव क्षेत्र के हकीकत को 8 ग्राम पंचायत वाली इलाका जहां के ग्रामीणों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार दूसरे विभाग के भवन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल तो खोल दिया गया है।
लेकिन सुविधाओं के अभाव में वहाँ जाने के लिए क्षेत्रवासी कतराते हैं। समय पर डॉक्टर एवं एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण मरीजों को आकस्मिक काल के मुंँह में समाते हुए भी देखा गया है। इस बार बुनियादी मूलभूत मांगों के लिए अगस्त माह में राजापड़ाव क्षेत्र वासियों के द्वारा आर पार की लड़ाई लड़ने मन बना चुके हैं। जिसके लिए अभी से तैयारी बैठक की शुरुआत हो चुकी है। फिलहाल बरसात के मौसम को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शोभा में तत्काल एंबुलेंस के साथ ही डॉक्टर की व्यवस्था किए जाने की मांग क्षेत्र वासियों ने कलेक्टर गरियाबंद से किया है।