नगर निगम द्वारा 295 लोगों को नोटिस देने के बाद शनिवार सुबह 8 बजे निगम की टीम यहां पहुंच गई। स्थिति को काबू में करने के लिए 100 से अधिक पुलिस बल लगाया गया था। सुबह जैसे ही पहले मकान पर निगम का बुलडोजर चला। विरोध के स्वर उठने लगे, लेकिन बाद में लोगों ने समझ लिया कि तोड़फोड़ जरूर की जाएगी।
इसके बाद धीरे-धीरे लोगों ने अपने घरों के सामान को निकालना शुरू किया और उसमें मदद निगम के कर्मचारी भी करने लगे। इसके बाद एक-एक करते हुए 20 घरों को यहां तोड़ा गया। दिन भर लोग अपना सामान ले जाने में जुटे रहे और इसके लिए निगम प्रशासन द्वारा सहयोग किया गया।
पक्के मकान में शिफ्ट कर रहे
लोगों के सामान ले जाने की सुविधा के लिए ट्रैक्टर लगाए गए। जिसमें सभी अपना सामान लोड कर ले जाने लगे। जिनके घर टूट रहे थे, उन्हें निगम द्वारा इंदिरा विहार रोड स्थित मां विहार काॅलोनी में पक्के का मकान दिया जा रहा था।
हेल्प डेस्क भी बनाया गया
निगम के अधिकारियों ने बताया कि 47 लोगों को मकान दे दिया गया था और करीब 4 बजे तक 21 लोग शिफ्ट हो चुके थे। यहां शिफ्ट हो रहे लोगों के लिए निगम द्वारा भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। इसके लिए यहां हेल्प डेस्क बनाया गया है। ताकि लोगों को कोई समस्या न हो।