राजधानी रायपुर के सभी वार्डों में कैंप लगाकर 16 लाख से ज्यादा लोगों का नापा जाएगा आक्सीजन लेवल

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। रायपुर देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां सभी लोगों की यानी पूरी आबादी के आक्सीजन लेवल की जांच की जाएगी। शहरी आबादी यानी 70 वार्डों में रहने वाले 16 लाख से ज्यादा लोगों के आक्सीजन लेवल की जांच की जाएगी। इस पायलट प्रोजेक्ट को अभी रायपुर में लागू किया जा रहा है। राजधानी में यह सक्सेसफुल होता है तो इसे बाद में राज्य के सभी बड़े जिलों में लागू किया जाएगा।

50 पल्स आक्सीमीटर की खरीदी

राजधानी में लोगों के आक्सीजन लेवल की जांच करने के लिए अभी 50 पल्स आॅक्सीमीटर खरीदे गए हैं। इनकी टेस्टिंग की जा रही है। अभी इन मशीनों का उपयोग शहर के हॉट स्पॉट वाली जगहों बैरनबाजार, कटोरा तालाब, बैजनाथपारा, धोबीघाट, वीरभद्र नगर, ब्राह्मणपारा और सिविल लाइन में किया जा रहा है। सर्विलांस दल के सदस्य इन जगहों पर लोगों के घरों में जाकर उनके आॅक्सीजन लेवल की जांच कर रहे हैं। जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है या मीटर में जिनका लेवल कम आ रहा है उन्हें कोविड-19 की जांच कराने की सलाह दी जा रही है।

दरअसल कोरोना में जितनी मौतें हुई हैं, ज्यादातर में फेफड़े निमोनिया इंफेक्शन की वजह से क्षतिग्रस्त हुए थे। हाल में कोरोना कोर कमेटी ने गाइडलाइन दी है कि कोरोना पाजिटिव मरीजों के फेफड़ों का यथासंभव तुरंत सीटी स्कैन कर लिया जाना चाहिए। यह गाइडलाइन भी इसीलिए आई है ताकि समय रहते फेफड़ों को क्षतिग्रस्त होने से रोका जा सके। आक्सीमीटर भी इशारा करता है कि शरीर में फेफड़ों से जरूरी मात्रा में आक्सीजन पहुंच रही है या नहीं।

प्रदेश की राजधानी रायपुर में लागू इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन का कहना है कि अभी हॉट स्पॉट जगहों पर लोगों के आक्सीजन लेवल और पल्स रेट की जांच की जा रही है। जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा और 70 वार्डों में किया जाएगा। इसके लिए मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। राज्य का यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है।