सोनिया-राहुल को ED के नोटिस पर बोले राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा- इतना खुला पक्षपात कभी नहीं देखा

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ ED (प्रवर्तन निदेशालय) में दर्ज केस को फर्जी बताया है। सोनिया और राहुल गांधी को इस मामले में मिले ED के नोटिस के बाद राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने केंद्र सरकार पर झूठे केस लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इतना खुला पक्षपात अपनी जिंदगी में नहीं देखा। क्या इसी प्रजातंत्र के लिए हम लोगों ने ब्रिटिशर्स से लड़ाई की थी?

रायपुर पहुंचे सांसद तन्खा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड एक ब्रांड है, जो स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा रहा है। इसे जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने शुरू किया था। यह कांग्रेस की आइडियोलॉजी से जुड़ा हुआ है।

तन्खा ने बताई इस केस की पूरी कहानी

कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में सांसद विवेक तन्खा ने नेशनल हेराल्ड केस की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि समय के साथ यह अखबार घाटे में जाने लगा था। इस संकट से उसे उबारने के लिए कांग्रेस ने साल 2002 से 2011 के दौरान इसे 90 करोड़ रुपए लगभग 100 किश्तों में ऋण दिया। इस 90 करोड़ रुपए की राशि में से 67 करोड़ रुपए नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों को वेतन और VRS का भुगतान करने के लिए उपयोग किया।

ऋण को इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किया गया

तन्खा ने बताया कि बाकी की राशि को बिजली शुल्क, गृहकर, किराएदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान में इस्तेमाल किया गया। यह 90 करोड़ रुपए का ऋण नेशनल हेराल्ड और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा चुकाना संभव नहीं था। इसलिए ऋण को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर दिया गया। चूंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इक्विटी शेयरों का स्वामित्व अपने पास नहीं रख सकती थी। इसलिए इसको सेक्शन-25 के अंतर्गत स्थापित ‘यंग इंडियन’ नामक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी को आवंटित कर दिया गया।

सांसद तन्खा ने कहा कि कांग्रेस लीडरशिप के तौर पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे आदि इस ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ कंपनी की प्रबंध समिति के सदस्य रहे। यह कंपनियों की सामान्य प्रैक्टिस का हिस्सा है। बड़ी कंपनियां ऐसा लगातार करती हैं, इसे अपराध नहीं कहा जाता।

एक पैसा भी प्रबंध समिति का कोई व्यक्ति नहीं ले सकता

विवेक तन्खा ने कहा, ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक/प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रूप से कोई लाभांश, लाभ, वेतन या अन्य वित्तीय लाभ नहीं ले सकते हैं। इसलिए, सोनिया गांधी, राहुल गांधी या ‘यंग इंडियन’ में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्राप्ति या वित्तीय लाभ का प्रश्न ही नहीं उठता। जब ऐसा कुछ हुआ नहीं तो क्राइम कैसा और केस कैसा?

2015 में केस को बंद कर चुकी थी ED

विवेक तन्खा ने बताया, इस मामले में कोई FIR नहीं हुई है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक शिकायत में आरोप लगाया था कि नेशनल हेराल्ड में इक्विटी का प्रावधान कानूनन गलत है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुरुआती जांच में पाया कि इस मामले में कोई केस बनता ही नहीं है। इसलिए उसे बंद कर दिया गया था। 2018-19 में भाजपा सरकार के दबाव में ED ने इसे फिर खोला है।

राहुल गांधी कल ED दफ्तर जाएंगे

विवेक तन्खा ने बताया, यह फर्जी केस है। इसलिए कांग्रेस नेतृत्व ने तय किया है कि वे जांच का सामना करेंगे। राहुल गांधी 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय जाएंगे। अगर सोनिया गांधी जी की तबीयत भी ठीक रही तो 23 को वे भी जाने की कोशिश करेंगी। विवेक तन्खा ने कहा, भाजपा के दबाव से उनको कोई डर नहीं है। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने के लिए जो तरीका अपनाया गया है हम उसका विरोध करते हैं।

भाजपा जॉइन करते ही खत्म हो जा रहे केस

विवेक तन्खा ने कहा, यह भाजपा की स्टाइल है। उन्होंने एक सूची देकर आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों में भाजपा ने विपक्ष के नेताओं पर लगातार ED के केस दर्ज कराए हैं। उन पर छापे पड़े हैं। क्या पूरे देश में उन्हें विपक्ष के नेता ही मिलते हैं। यह भी बिल्कुल स्पष्ट है कि जो नेता भाजपा जॉइन कर लेते हैं, उन पर सभी तरह के केस समाप्त हो जाते हैं। जैसे ही कोई भाजपा छोड़ता है केस शुरू हो जाते हैं। तन्खा ने कहा, इस हथकंडे से कांग्रेस नेतृत्व डरने वाला नहीं है। नेशनल हेराल्ड केस में कोई क्राइम नहीं हुआ है।