8 माह से बन्द हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालय में नियमित सुनवाई शुरू, कोर्ट में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। कोरोना के चलते बन्द छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सहित प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में आज से नियमित सुनवाई शुरू हो गई है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए न्यायालय में कामकाज होगा, खुली सुनवाई शुरू होने से मास्क लगाकर न्यायालय पहुंचे वकील और पक्षकार खुश दिखे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये मार्च में लगाये गये लॉकडाउन के बाद से अदालते बंद थी। आज कोर्ट खुलने के बाद वीरान पड़ा न्यायालय परिसर गुलजार हुआ और अपने पुराने स्वरूप में लौट आया।

हाईकोर्ट में आज सुबह 10 बजे से प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू कर दी गई है। प्रत्येक बेंच अपनी कोर्ट में सुने जाने वाले केस की संख्या खुद निर्धारित करेगी। उतने ही मामले लिये जायेंगे जिनकी सुनवाई उसी दिन पूरी हो सके। अर्जेंट हियरिंग के लिये ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार के पास आवेदन करना होगा। हाईकोर्ट में तीन डबल बेंच और 12 सिंगल बेंच बनाये गये हैं। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू रिट याचिका तथा पीआईएल, बंदी प्रत्यक्षीकरण जैसे मामले सुनेंगे। दूसरी डबल बेंच में जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस रजनी दुबे हैं। इनमें सिविल मामले, कम्पनी और कमर्शियल मामले सुने जायेंगे। जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस विमला सिंह कपूर की डबल बेंच में आपराधिक प्रकरणों की सुनवाई होगी।

बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और रायपुर जैसे शहरों में जहां अधीनस्थ न्यायालयों की संख्या अधिक है वहां रोटेशन के आधार पर कोर्ट खुलेगी। इन शहरों में सत्र न्यायालय व अतिरिक्त सत्र न्यायालय के अधिकतम 5 कोर्ट में रोटेशन पर काम होगा। न्यायिक मजिस्ट्रेट की अधिकतम 7 अदालतों में कार्रवाई होगी। शेष शहरों में भी अधिकतम संख्या इनसे अधिक नहीं होगी।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीते 24 मार्च को लागू लॉकडाउन के बाद प्रदेशभर में अदालतों का कामकाज ठप था। इस दौरान अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हाईकोर्ट और सत्र न्यायालयों में की गई। कुछ दिन के लिये हाईकोर्ट में खुली सुनवाई का प्रयास इस दौरान हुआ था किन्तु हाईकोर्ट व महाधिवक्ता कार्यालय के स्टाफ में कोरोना मरीजों के मामले सामने आने के बाद यह निर्णय वापस ले लिया गया।

हाईकोर्ट सहित सभी न्यायालय में कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जायेगा। किसी भी पक्षकार को अधिकतम दो वकीलों की अनुमति दी गई है। मास्क व सोशल डिस्टेंस के नियम के उल्लंघन पर कार्रवाई की जायेगी। जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिये जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जायेगा।
प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष संदीप दुबे ने कहा कि अदालतों में नियमित खुली सुनवाई शुरू होने से बीते आठ महीनों से व्यवसाय के संकट में आने के कारण परेशान पक्षकार, अधिवक्ता, उनके अधीनस्थ स्टाफ तथा फोटो कॉपी व दूसरे जुड़े कार्य करने वाले राहत महसूस कर रहे हैं।