रायपुर। नई राजधानी बनने के दौरान यानी करीब डेढ़ दशक यानी 15 साल पहले धरमपुरा के आसपास की सात सड़कों की जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण पर बैन लगा दिया गया था। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के लैंड रिकार्ड में यह लेयर टू की जमीन थी।
ज्यादातर एग्रीकल्चर लैंड की वजह से यह जमीन के डायवर्सन और कंस्ट्रक्शन पर बैन था। केवल शासकीय निर्माण को ही अनुमति दी जाती थी। एनआरडीए और टाउन एंड प्लानिंग विभाग की आपसी सहमति के बाद इस एरिया में नए कंस्ट्रक्शन के निर्माण की अनुमति दी जा रही है।
एनआरडीए ने यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, जिस पर सहमति मिल गई है। अब इस नए संशोधन और छूट को जारी करने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी होने वाली है। इस नए संशोधन से जिन आम लोगों की वह जमीन है वे अपनी जमीन की खरीदी-बिक्री के साथ ही नए निर्माण भी कर सकेंगे। कई बड़े बिल्डरों की जमीन भी इसी एरिया में है। प्रतिबंध हटने से वहां नए प्रोजेक्ट लांच होंगे।
इससे लोगों को रियायती कीमत में मकान और फ्लैट मिलने का भी दावा किया जा रहा है। धरमपुरा की सात सड़कों पर स्थित जमीन पर इस तरह की छूट देने के बाद दावा किया जा रहा है कि इससे नवा रायपुर और रायपुर के बीच की जो दूरी या खालीपन है वो दूर होगा। एनआरडीए के पास लेयर वन जिसमें नई राजधानी का बड़ा हिस्सा है उसी में निर्माण सबसे ज्यादा हुआ है।
अब पहली बार लेयर-टू की जमीन पर राहत दी जा रही है। अफसरों का कहना है कि लेयर-टू में 64 तरह के लैंड यूज की राहत देने की तैयारी की जा रही है। धरमपुरा, टेमरी, फूंडहर और नई एक्सप्रेस-वे बनने के बाद ही यह प्रस्ताव तैयार किया गया था। विभागीय अफसरों के अनुसार किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं होने की वजह से यह कई कंस्ट्रक्शन रुके थे। जमीन की खरीदी-बिक्री भी प्रभावित थी। नए संशोधन से रियल एस्टेट के सेक्टर में बूम आने की संभावना है।
जल्द ही जारी होने वाले नई अधिसूचना में इस तरह की राहत
- वीआईपी रोड के दोनों ओर 100-100 मीटर की गहराई में स्थित जमीन पर निर्माण होंगे।
- एयरपोर्ट जाने वाली रोड में दोनों ओर 50-50 मीटर में स्थित जमीन पर निर्माण की अनुमति।
- टेमरी के अलावा तीन सड़कों के दोनों ओर भी 50-50 मीटर की गहराई में निर्माण की अनुमति।
- पहले इन सड़कों पर निर्माण के लिए 0.3% एफएआर की छूट थी। अब 1% किया गया है।
- सड़क से 12 मीटर अंदर किसी के पास 1 एकड़ कृषि जमीन है तो फॉर्म हाउस बना सकता है।
- 1% एफएआर के साथ ही लोग 25% ग्राउंड कवरेज यानी भूतल में नए निर्माण कर सकते हैं।
इस तरह का सीधा फायदा
- वीआईपी रोड, धरमपुरा, टेमरी समेत आसपास का एरिया डेवलप होगा, सड़कें बनेंगी। आवागमन बेहतर होगा।
- रियल एस्टेट का कारोबार बढ़ेगा, प्रोजेक्ट लांच होंगे। रोजगार की संभावना बढ़ेगी, लोगों का नए मकान मिलेंगे।
- लोगों को राहत, अपनी जमीन पर बढ़े हुए एफएआर के साथ फॉर्म हाउस और कई तरह के नए निर्माण कर सकेंगे।
- धरमपुरा, वीआईपी रोड, फूंडहर, टेमरी समेत सात सड़कों का ट्रैफिक स्मूथ होगा। जाम की समस्या खत्म होगी।
खाली जगहों पर ज्यादा डेवलेपमेंट
नए संशोधनों से नवा रायपुर और रायपुर के बीच जो 25 किलोमीटर की दूरी है उसमें जो खाली जगह है वहां सबसे ज्यादा डेवलपमेंट होगा। नए निर्माण से आबादी भी बसेगी। पुराने शहर की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में इन क्षेत्रों को भी डेवलप करना जरूरी है।
-संदीप बागड़े, अपर संचालक टाउन प्लानिंग विभाग