महासमुंद में राइस मिलर्स ने किसानों के करोड़ों रुपए रोके, कलेक्टर बोले तुरंत हो कार्रवाई

Chhattisgarh Crimes

महासमुंद। जिले में धान उत्पादक किसानों के साथ सिस्टम की लूट का मामला सामने आया है। यहां अलग-अलग राइस मिलरों ने किसानों से धान खरीदा है, लेकिन कई सालों से उसकी कीमत का भुगतान नहीं कर रहे हैं। परेशान किसानों ने महासमुंद में रैली निकालकर कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन देने की कोशिश की तो दोनों अफसर नहीं मिले। किसान कलेक्टर से मिलने की जिद पर कलेक्ट्रेट परिसर में ही सो गए। आधी रात को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर मंडी में पहुंचा दिया। आखिरकार बुधवार दोपहर को अधिकारी किसानों के पास पहुंचे और उन्हें कलेक्टर से मिलवाया गया है। कलेक्टर ने मामले में तत्काल कार्रवाई करने कहा है।

छत्तीसगढ़ किसान-मजदूर महासंघ और किसान भुगतान संघर्ष समिति की अगुवाई में दर्जनों पीड़ित किसान मंगलवार दोपहर में महासमुंद कृषि उपज मंडी परिसर में इकट्‌ठा हुए। वहां उन्होंने कन्हारपुरी गांव के किसान कांतिलाल साहू को श्रद्धांजलि दी। किसानों का आरोप है कि 65 वर्षीय साहू ने बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से आई आर्थिक दिक्कतों की वजह से कीटनाशक पीकर जान दे दिया है। वहां सभा के बाद तय हुआ कि कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर राज्यपाल, राज्य सरकार और कृषि विभाग के अफसरों तक अपनी मांग पहुंचाई जाए। किसान जब पहुंचे तो वहां कलेक्टर और एसपी नहीं मिले। नाराज किसानों ने कलेक्टर-एसपी से मिलने की जिद पकड़कर परिसर में ही धरना दे दिया। यह धरना रात तक जारी रहा।

किसानों को जब लगा कि सुनवाई नहीं होगी तो उन्होंने वहीं भोजन किया और दरी मंगाकर खुले में ही सो गए। रात 12 बजे के बाद पहुंची पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, किसान नेता तेजराम विद्रोही, पवन चन्द्राकर, तिलकराम साहू, मोतीलाल भोई, अजय साहू, टिकेश्वर प्रधान, मनोरंजन बरिहा, मदन प्रधान, हेमसागर प्रधान को गिरफ्तार कर लिया। करीब एक घंटे बाद सभी को मंडी परिसर में ले जाकर छोड़ा गया। किसानों के मोबाइल भी जब्त कर लिए गए थे। यह मोबाइल उन्हें रात 2.40 बजे वापस किया गया। किसानों को अब भी मंडी परिसर में नजरबंद रखा गया था।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेता तेजराम विद्रोही ने बताया, कन्हारपुरी निवासी कांतिलाल साहू का स्थानीय राइस मिलर बजरंग अग्रवाल पर तीन लाख 66 हजार 826 रुपए बकाया है। यह रकम नहीं मिलने से परेशान कांतिलाल आत्महत्या कर चुके हैं। महासमुंद के ही महामाया एग्रोटेक एवं सांई कृपा राइस मिल के संचालक तेजप्रकाश चन्द्राकर व साझेदार रत्ना चन्द्राकर पर 57 किसानों का एक करोड़ 61 लाख 75 हजार 282 रुपए का बकाया है। बागबाहरा के राकेश चौहान ने 19 किसानों का 61 लाख 88 हजार 650 रुपया नहीं दिया है। देवसराल गांव के जसवंत साव, रोहित साव, साधुराम साव ने 77 किसानों का एक करोड़ रुपए नहीं दिया है। कोसरंगी के गुरु तेगबहादुर राइस मिल के संचालक सन्नी लुनिया ने नारतोरा के पुरुषोत्तम साहू को ब्याज नहीं दिया है। किसान पिछले तीन-चार साल से इसके भुगतान के लिए परेशान हैं।

किसान नेताओं का कहना है, कृषि उपज मंडी समिति महासमुन्द क्षेत्र में व्यापारियों ने मंडी समिति से मिलीभगत कर किसानों से सीधी धान खरीदी की। इसके लिए मंडी का सौदा पत्रक बनाया गया। कायदे से सौदे के 15 दिनों के भीतर भुगतान मिल जाना चाहिए था, लेकिन कई राइस मिलरों ने ऐसा नहीं किया। किसानों को बार-बार घुमाया जाता रहा। उन्हें मानसिक रुप से प्रताड़ित किया गया। इन मामलों की जानकारी मंडी और जिला प्रशासन तक भी पहुंचाई गई। लेकिन किसानों का भुगतान दिलाने के लिए कुछ नहीं किया गया।