नदी नाला पहाड़ी इलाका 36 बच्चे 3 किलोमीटर दूर कैसे जाएंगे आंगनबाड़ी केंद्र

  • ग्रामीणों के मांग पर सरकार गंभीर नहीं अभी तक नहीं खुला प्रारंभिक शिक्षा के लिए स्कूल
  • आदिवासी अंचलों में बच्चे शिक्षा से हो रहे हैं दूर शासन नहीं दे रही है ध्यान

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/ मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के ग्राम पंचायत कोकड़ी के आश्रित ग्राम छिंदभर्री जहां की जनसंख्या 307 गर्भवती महिला 5 शिशुवति महिला 6, 0से 6 माह के बच्चे 6, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे 15, 3 से 6 वर्ष के बच्चे 21 इसमें से गर्भवती शिशुवती 0 से 6 माह के बच्चो को मुश्किल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उनके घर तक पहुंचा के पूरक पोषण आहार देती है लेकिन प्रारंभिक शिक्षा पाने वाले मासूम बच्चे नदी नाला पहाड़ी ईलाका होने से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं पहुंच पाते इसके लिए अभी तक कोई विकल्प शासन के द्वारा नहीं ढूंढा गया है।

ग्रामीणों ने कई बार शासन से मांग करते-करते थक गया लेकिन गांव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुल पाया। ऐसे मे मासूम बच्चों की दशा और दिशा कैसे बदलेगी। इस संबंध में क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि कर्मचारी सखाराम मरकाम सरपंच ग्राम पंचायत कोकड़ी ने कहा कि आजादी के 76वें साल बीत जाने के बाद भी मासूम बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा हो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। मेरे द्वारा उस गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खुले शासन को दरखास्त किया था लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ। छिन्दभर्री गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खुलना नितांत आवश्यक है।

सीरन मरकाम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चिपरी, सही बात है छिन्दभर्री गांव से 3 किलोमीटर की दूरी में आंगनबाड़ी केंद्र है। नदी नाला पहाड़ी वाला इलाका जहां चाह कर भी बच्चे नहीं पहुंच पाते गांव में ही आंगनबाड़ी केंद्र खुलना नितांत आवश्यक है। मेरे द्वारा विभाग में जानकारी दिया जा चुका है।