किशन सिन्हा/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
छुरा. राजिम विधानसभा में प्रत्याशी को लेकर घमासान जारी है,मतदाता सूची पुनरिक्षण के बहाने डेमेज कंट्रोल के लिए आयोजित कोर कमेटी की बैठक में पहले प्रत्याशी रोहित साहू को बैठक कक्ष से बाहर जाने कहा गया,फिर धरमलाल कौशिक के सामने नाराज नेताओं ने अपनी भड़ास निकाली, नेताओं का कहना है कि जिसे पार्टी में आए दो साल हुआ है, जिसके परिवार का भी वोट अब तक भाजपा को नहीं मिला वो भाजपा का प्रत्याशी कैसे हो सकता है। राजिम विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी घोषणा के बाद पार्टी अपने ही कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं के विरोध का सामना कर रही है। विरोध करने वालों में सबसे ज्यादा साहू समाज के ही नेता हैं, जबकि साहू समाज से ही भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किया है।
लगातार चल रहे विरोध के बीच मंगलवार को मतदाता पुनरीक्षण के बहाने पार्टी केक वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक डेमेज कंट्रोल के लिए पहुंचे, जहां छुरा के विश्राम गृह में दोपहर एक बजे पार्टी कोर कमेटी और शक्ति केंद्र प्रभारियों की बैठक हुई। लगभग ढाई घंटे के बैठक के पहले एक घंटे तय ऐजेंडे पर चर्चा हुई. फिर सुलग रहे कार्यकर्ताओं ने अपनी बातें रखना शुरू किया। इसी बीच जिला अध्यक्ष राजेश साहू ने प्रत्याशी रोहित साहू को बैठक कक्ष से बाहर जाने कहा. रोहित के बाहर जाते ही खुल कर विरोध शुरू हो गया. सबसे पहले पूर्व जिला अध्यक्ष राम कुमार साहू ने कहा की पार्टी हमारी धैर्य की प्रतिक्षा कब तक लेगी. फिर रामू राम साहू, अशोक राजपूत, संदीप शर्मा, श्वेता शर्मा, आशीष शर्मा, पूनम यदु, मुरलीधर सिन्हा, कमलेश साहू समेत 15 से ज्यादा वरिष्ठ और टिकट के दावेदारों ने अपनी भड़ास निकाली. सभी इस बात से नाराज थे कि पार्टी के अन्य कर्मठ और जीतने लायक नेताओं की उपेक्षा कर डेढ़ साल हुए पार्टी ज्वाइन करने वालों को टिकट दिया गया है।
इतना ही नहीं, युवा नेताओं ने तंज कसते हुए ये भी कहा कि भाजपा में टिकट चाहिए तो पहले कांग्रेस प्रवेश करें फिर निर्दलीय चुनाव लड़े तो ही पार्टी तव्वजो देगी. धरमलाल कौशिक ने सभी की बातो को धैर्य से सुनने के बाद कहा कि भाजपा ने अब तक घोषित प्रत्याशी का नाम नहीं बदला है. सभी की भावनाओं से अवगत हूं. बात ऊपर तक पहुंचाऊंगा. निर्णय ऊपर ही लिया जाना है.
टिकट नहीं बदला तो होगी हार …
बैठक के बाद नाराज मुरलीधर सिन्हा ने मीडिया के सामने कहा कि बीजेपी ने जिसको टिकट दिया है, उसने पार्टी को एक बार भी वोट नहीं दिया है. मैं 48 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं. फिर भी पार्टी ने दूसरे को टिकट दिया है जो कि गलत है. टिकट नहीं बदली तो निश्चित रूप से हार होगी.. हार होगी.. हार होगी ।