लाख उत्पादन कर लाखों कमाने लगीं ग्रामीण महिलाएं

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कांकेर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से गांवों में लगातार सकारात्मक बदलाव आ रहा है। योजना से लोगों को न सिर्फ काम मिला है बल्कि उनके लिए आर्थिक विकास के कई रास्ते खुलने लगे हैं। इसकी एक बानगी कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बॉसकुण्ड के आश्रित ग्राम बनौली में दिखाई देती है जहां स्व-सहायता समूह की महिलाएं अब लाखों का लाख उत्पादन कर रही हैं।

जिला पंचायत के माध्यम से वनांचल क्षेत्रों में ग्रामीणों के बीच लाख की खेती को बढ़ावा देकर आजीविका के साधनों को बढ़ाने व प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में मनरेगा से बिहान की राधा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष सुमित्रा कुरेटी को 2 एकड़ जमीन में 4 हजार सेमियलता के पौधे रोपण के लिए दिया गया था। सेमियलता के पौधे से समूह ने पहली बार में ही 35 हजार रुपए का लाख उत्पादन कर आमदनी प्राप्त की। जिला पंचायत के सीईओ डॉ संजय कन्नौजे के मार्गदर्शन व निर्देशन में समूह की महिलाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर से प्रशिक्षण प्रदान किया गया तथा उन्हे बिहान के माध्यम से बैंक लिंकेज कराकर ड्रीप सुविधा उपलब्ध कराया गया। इसके पश्चात् दूसरे वर्ष राधा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 4 हजार सेमियलता के पौधे में लाख की खेती से एक लाख 74 हजार रुपए की नगद आमदनी प्राप्त हुई। समूह की महिलाओं ने पहले साल में 02 क्विंटल लाख का उत्पादन किया, वहीं दूसरे साल उसी लाख के बीज से 06 क्विंटल लाख का उत्पादन कर 01 लाख 74 हजार 150 रुपए की आमदनी प्राप्त की। इस प्रकार समूह की महिलाओं ने अपनी मेहनत व लगन से लाख पालन कर वनांचल ग्राम बनौली की बंजर व पथरीली धरती की किस्मत बदल दी है। ग्राम पंचायत बॉसकुण्ड की सरपंच श्रीमति पवनबती ने बताया कि लाख उत्पादन से राधा समूह की महिलाओं की आमदनी में वृद्धि हुई इससे गांव के अन्य लोग भी लाख उत्पादन हेतु प्रोत्साहित हो रहे है।

उल्लेखनीय है कि सेमिलयता के पौधे 06 माह में ही बढ़ जाते हैं तथा कम समय में ही पौधा तैयार हो जाता है । इसमें लाख का अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। कांकेर जिले में मनरेगा के तहत विस्तार करते हुए गौठान, ग्रामों व हितग्राहियों की बाड़ियों में सेमिलयता के पौधे का रोपण कर लाख की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला पंचायत के सीईओ डॉ संजय कन्नौजे ने बताया कि कृषि अनुसंधान केन्द्र कांकेर को मनरेगा में 60 हजार सेमियलता के पौधा रोपण का कार्य दिया गया था। इस वर्ष जिले के 06 गांवों के गोठानों और हितग्राहियों के बाड़ियों मे लगभग 28 एकड़ में लाख पालन का कार्य किया जावेगा। इस मुहिम के द्वारा कोविड 19 के संक्रमण दौर में स्थानीय लोगो को आय का जरिया उपलब्ध कराने और स्व-रोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है।