सामान के पैकेट से वायरस होने का कितना खतरा

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। चीन में हाल ही में दक्षिण अमरीका से आए फ्रोजन (जमे हुए) झींगों और चिकन विंग्स पर कोरोना वायरस पाया गया था. बाजार में कई ऐसे सामान हैं जो पैकेट में मिलते हैं और बताया जाता है कि वायरस भी किसी सतह पर लंबे समय तक जिंदा रह सकता है. ऐसे में फिर से सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या खाने के पैकेट से भी कोरोना वायरस फैल सकता है?

लैब और बाहरी वातावरण में वायरस

सिद्धांत कहता है कि सामान के पैकेट से भी कोविड-19 हो सकता है. लैब आधारित अध्ययन दिखाते हैं कि वायरस कई घंटों तक जिंदा रह सकता है. खासतौर पर कार्डबोर्ड और कई तरह के प्लास्टिक पर. ये वायरस कम तापमान पर लंबे समय तक जिंदा रह सकता है और खाने के कई सामाना कम तापमान पर ही एक से दूसरी जगह पहुंचाए जाते हैं. हालांकि, कुछ वैज्ञानिक ये भी सवाल करते हैं कि क्या लैब के बाहर भी इन स्थितियों में यही नतीजे आएंगे. यूनिवर्सिटी आॅफ लिसेसटर में रेसपीरेट्री साइंसेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर जूलियन टैंग कहती हैं कि लैब के बाहर की दुनिया में वातावरण लगातार बदलता है जिसका मतलब है कि वायरस ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह सकता. रटगेर्स यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर इमैनुएल गोल्डमैन बताते हैं कि लैब में किए गए अध्ययनों में 10 मिलियन वायरल पार्टिकल्स को सैंपल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है जबकि छींकने से सतह पर पड़े एक ऐरोसोल ड्रॉपलेट में सिर्फ 100 के करीब वायरस पार्टिकल्स होते हैं.

जुलाई में लांसेंट में लिखते हुए उन्होंने कहा था, मेरी राय में, निर्जीव सतहों के माध्यम से संक्रमण की संभावना बहुत कम है, और सिर्फ़ उन्हीं स्थितियों में ऐसा संभव है जब किसी संक्रमित व्यक्ति के किसी सतह पर खांसने और छींकने के तुरंत बाद कोई दूसरा व्यक्ति उस सतह को छू लेता है (एक या दो घंटे के अंदर).

वायरस कैसे फैल सकता है?

माना जाता है कि खाने के किसी कंसाइनमेंट से संक्रमण का खतरा तब हो सकता है जब फूड पैकेजिंग प्लांट में काम करने वाला कोई व्यक्ति संक्रमित जगहों को छूने के बाद अपनी आंखों, नाक और मुंह को छू ले. लेकिन, वैज्ञानिक अब नहीं मानते कि कोविड-19 के अधिकतर मामलों में इस तरह से संक्रमण फैला है.

अमरीकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर द डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) अपनी वेबसाइट पर कहती है, वायरस से संक्रमित किसी सतह या सामान को छूने से कोई व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. हालांकि, वेबसाइट पर ये भी लिखा है, यह वायरस के फैलने का मुख्य तरीका नहीं माना जाता है.

मुख्यतौर पर इसका संक्रमण इंसान से इंसान में सीधे तौर पर होता है. जैसे-

  • उन लोगों के बीच जो एक दूसरे के निकट संपर्क में हैं (दो मीटर या छह फीट की दूरी में)
  •  संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक और बात करने से बाहर निकले ड्रॉपलेट्स से.
  •  जब ड्रॉपलेट्स पास खड़े व्यक्ति की नाक या मुंह पर गिरते हैं (या वो उन्हें सांस द्वारा अंदर ले लेता है)

डॉक्टर टैंग का कहना है कि ये साबित करना भी मुश्किल है कि किसी को पैकेजिंग के जरिए वायरस का संक्रमण हुआ है. पक्के तौर पर इसका पता करने के लिए पहले ये सुनिश्चित करना होगा कि संक्रमित व्यक्ति को दूसरी जगहों से संपर्क के कारण संक्रमण नहीं हुआ है. इसमें एसिम्पटोमैटिक लोगों से हुआ संपर्क भी शामिल है.

कैसे सुरक्षित रहें?

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, खाने या खाने की पैकेजिंग से कोविड-19 का संक्रमण होने की पुष्टि करने वाले वर्तमान में कोई मामले नहीं हैं. लेकिन, फिर भी संगठन संक्रमण से बचने के लिए कई तरह की सावधानियों के बारे में बताता है. संगठन के अनुसार खाने के पैकेट को कीटाणुरहित करने की जरूरत नहीं है, बस खाने के पैकेट को छूने के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोना जरूरी है.
अगर आप किराने का सामान खरीद रहे हैं तो स्टोर के अंदर जाने से पहले हैंड सैनिटाइजर लगाएं और इसके बाद अच्छी तरह से हाथ धोएं. खरीदे गए सामान को पकड़ने और घर पर उसकी जगह पर रखने के बाद भी अच्छी तरह हाथ धोएं.
सामान की डिलीवरी भी करा सकते हैं अगर डिलीवरी करने वाला व्यक्ति हाइजीन का पूरी तरह ध्यान रखता है. सामान की डिलीवरी लेने के बाद अपने हाथ अच्छी तरह धो लें. कुछ विशेषज्ञ प्लास्टिक बैग को एक ही बार इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं.