रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले बीजेपी दंतेवाड़ा और जशपुर में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। बीजेपी नेताओं ने परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा देने की मांग DGP और मुख्य सचिव गृह से मिलकर सुरक्षा की मांग की है और बीजेपी नेताओं की टारगेट किलिंग का आरोप भी लगाया है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ये लोग हमें सुरक्षा नहीं दे पाए और झीरम घाटी जैसी घटना घटी लेकिन हम पूरी सुरक्षा देंगे। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हो उसे पूरी सुरक्षा दी जाएगी। हमें सुरक्षा नहीं देने की वजह से झीरम घाटी में कांग्रेस नेता शहीद हो गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राजनीतिक पार्टी की सुरक्षा को लेकर यूनिफाइड कमांड की बैठक में चर्चा हुई थी कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में किसी भी राजनीतिक दल के नेता का कोई कार्यक्रम हो तो पूरी सुरक्षा उन्हें मुहैया कराई जाएगी।
DGP और मुख्य सचिव गृह से मिलकर बीजेपी नेताओं ने सुरक्षा की मांग की
परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को लेकर सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल DGP और मुख्य सचिव गृह से मिलकर सुरक्षा की मांग की है। प्रदेश में बीजेपी दो परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। पहली परिवर्तन यात्रा 12 सितम्बर को दंतेवाड़ा से और दूसरी यात्रा 16 सितम्बर से जशपुर से शुरु होगी। इन दोनो यात्राओं का मिलन और समापन कार्यक्रम 28 सितम्बर को होगा।
पूरे समय इन दोनों यात्राओं में राष्ट्रीय नेता, केन्द्रीय मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक, सांसद अलग-अलग दिन और जगहों में शामिल होने वाले हैं। यात्रा कई संवेदनशीन जगहों से होकर गुजरेगी, इसमें आने वाले मार्ग, होने वाली छोटी और बड़ी सभा,रोड शो की सुरक्षा और रोड ओपनिंग दल की व्यवस्था करने की मांग की है।
सीएम ने कहा छत्तीसगढ़ में अपराध घटे हैं
बीजेपी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था की शिकायत राज्यपाल से की है, जिसे लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में प्रदेश में अपराध घटे हैं और अन्य राज्यों की तुलना करें तो भाजपा शासित जितने राज्य हैं उसकी तुलना में छत्तीसगढ़ में अपराध कम हैं।
अगर इन्हें जाना ही है तो उनके पहले जो पूर्व राज्यपाल थी अनुसुइया उईके के पास जाकर मिलना चाहिए। मणिपुर में वहां कि क्या स्थिति है 4 महीने से ऊपर हो गया अभी तक मणिपुर जल रहा है और उसकी इनको कोई सुध नहीं है।
G20 में शामिल होने की बात को लेकर कहा –
इससे पहले जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी तब 100 राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष और उसके प्रधानमंत्री आए थे। यहां तो 20 में भी कुछ लोग नहीं आए हैं और उसमें भी विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया है। उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल है ये केवल प्रचार-प्रसार करने का एक तरीका है। अभी तक बैठक का कोई रिजल्ट दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन आने वाले समय में क्या नतीजा रहता है ये बाद में देखेंगे।