राजधानी में पुलिस की मदद से अब तक 53 भिखारियों को सुधार गृह भेजा गया

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजधानी रायपुर में भिखारियों के रेस्क्यू का काम जारी है. पुलिस की मदद से अब तक 53 भिखारियों को सुधार गृह भेजा जा चुका है. पुलिस ने जिन भिखारियों का रेस्क्यू किया गया, उनके पास से नशे के सामान, मिर्ची के पैकेट, ब्लेड जैसे सामान जब्त किए गए है. आशंका ये भी जताई जा रही है कि भिक्षावृत्ति की आड़ में कहीं ये किसी घटना को अंजाम तो नहीं दे रहे थे ? रायपुर में महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा समेत कई प्रदेशों के भिखारियों ने डेरा जमाया है.

इस मामले में संगी मितान सेवा संस्थान की डायरेक्टर ने कहा कि रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ को भिक्षुक मुक्त किया जाना है. यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है. जहां भिक्षुकों की काउंसलिंग होगी. उनके लिए पुनर्वास केन्द्र की व्यवस्था भी की गई है. भिक्षुकों सुधार गृह में रखा गया है, जहां उनकी काउंसलिंग की जा रही है. फिर उनके परिचितों को बुलाकर उन्हें वापस अपने राज्य भेजा जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि भिखारियों से एक बॉन्ड भी साइन कराया जाएगा जिसमें ये लिखा होगा कि वे कभी भिक्षावृत्ति नहीं करेंगे. जिन भिक्षुकों का वाकई में कोई नहीं, उन्हें उनके रूचि के मुताबिक काम दिया जाएगा. उन्हें आश्रय गृह में ही रखा जाएगा. रोजगार की व्यवस्थाएं भी कराई जाएगी. चिकित्सा से लेकर खाने की व्यवस्था समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध होगी.

काफी भिखारियों के पास से गांजा, तंबाकू, मुनक्का, चिलम समेत नशे के सामान जब्त किए गए है. कुछ भिखारियों के पास से मिर्ची के पैकेट और ब्लेड जैसे सामान भी जब्त किए गए है.

रायपुर में तेलीबांधा, बस स्टैण्ड, सिग्नल्स और मंदिरों के पास से बड़ी संख्या में भिखारी देखने को मिल रहे हैं. पुलिस इनके रेस्क्यू का काम कर रही है. यह काम आगे भी जारी रहेगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ के मोवा में भिखारियों के पुनर्वास के लिए भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र खोला गया है, जो छत्तीसगढ़ का पहला भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र है.