विशाल रैली और गगनचुंबी जयघोष के साथ कोकड़ी में रानी दुर्गावती की प्रतिमा का हुआ अनावरण

जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोले विशाल प्रतिमा हमारी प्रेरणा का केंद्र

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। विकासखंड मैनपुर के राजापड़ाव-गौरगांव क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत कोकड़ी में 24 जून को महान वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के अवसर पर विशाल प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह प्रतिमा जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम के प्रयासों से उनके द्वारा स्थापित किया गया है। कार्यक्रम में सुबह से बलिदान दिवस व मूर्ति अनावरण की तैयारियों में सर्व आदिवासी समाज राजापड़ाव क्षेत्र तथा सीमाई क्षेत्र ओडिशा,बस्तर,धमतरी व नगरी ब्लॉक से हजारों की संख्या में पहुंचे समाज के लोग लगे हुए थे।

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इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में जहाँ राजापड़ाव क्षेत्र के 65 गांवों व पारा, मजरा ,टोला के लोग लगभग 10-15 हजार की संख्या में पहुंचे वहीं आसपास के जिले के लोग भी बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम के साक्षी बने। मूर्ति अनावरण कार्यक्रम के पूर्व आदिवासी समाज के हजारों लोगों द्वारा पारंपरिक परिधानों से सुसज्जित होकर मादर तथा पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ विशाल रैली निकाली गई इसके साथ ही अनेक आदिवासी परंपरा से ओतप्रोत गीतों व नृत्यों पर सामाजिक जनों की नृत्य टोलियां अपनी नृत्यकला का प्रदर्शन और जयघोष करती हुई प्रतिमा स्थल पर पहुंची जहाँ समाज के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में आदिवासी समाज का झंडारोहण किया गया। इस दौरान समाज के वरिष्ठ मुखिया इतवारी राम नेताम के आतिथ्य में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम तथा समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों व समाजजनों की विशाल उपस्थिति में विधिवत पूजा अर्चना व माल्यार्पण कर प्रतिमा का अनावरण किया।

इस दौरान उपस्थित आदिवासी समाज के विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम कहा कि रानी दुर्गावती भारत के उन वीरागंनाओं में से एक है जिन्होंने अपने शौर्य और साहस और वीरता से एक नई इबारत लिखी रानी दुर्गावती ने किसी के आगे घुटने नहीं टेके और मातृभूमि के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये उनके साहस और बलिदान हमेशा देशवासियो को प्रेरित करता रहेगा। हमारे आदिवासी समाज ने देश को अनेक वीर महापुरुष दिए हैं जिनका योगदान राष्ट्रधर्म की रक्षा,लोककल्याण और प्रजा के प्रतिपाल करने में रहा है। हमारा गौरवशाली अतीत रहा है और आदिवासी समाज के योद्धाओं के परिणाम स्वरूप हमारा वैभवशाली वर्तमान तथा सुनहरा भविष्य भी है। हमारे समाज की वीरांगनाओं ने देश की रक्षा में कभी पीछे नहीं रहे और हर परिस्थितियों में शत्रुओं का मुकाबला कर देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, इन्ही बलिदानियों में गोंडवाना शासिका रानी दुर्गावती का नाम अग्रगण्य है जिसकी प्रतिमा का आज हम सब अनावरण कर रहे हैं। यह प्रतिमास्थल उनकी गौरवगाथा का बखान कर हमारी प्रेरणा का केंद्र बनेगी।

समाज के वरिष्ठ नागरिक इतवारी नेताम ने कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक और गौरवशाली इतिहास को याद करने का दिन है। आज आदिवासी समाज में जन्मी देश की प्रमुख शासिका रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस है जो हमें उनके द्वारा किए गए योगदान का स्मरण दिलाता है कि किस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में भी संयम,साहस और पराक्रम के साथ उन्होंने प्रजा की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
सर्व आदिवासी समाज राजापड़ाव क्षेत्र के अध्यक्ष दलसुराम मरकाम ने कहा आज आदिवासी समाज को शहीद दिवस के अवसर पर संकल्प लेने की जरूरत है कि अपने समाज के विकास और उत्थान के लिये समाज लोग तन मन धन से जुट जाएं उन्होंने साथ ही समाज के युवाओं और बच्चों को लक्ष्य निर्धारित कर शिक्षण ग्रहण करने व समाज की सेवा में भाग लेने की बात कही।

जनपद पंचायत के सभापति घनश्याम मरकाम ने कहा वीरागंना रानी दुर्गावती, अमर शहीद वीर नारायण सिंह, बिरसा मुंड़ा, गुण्डाधुर जैसे आजादी के महानायको ने देश को स्वतंत्र कराने मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है आज के युवाओ को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके बलिदान के कारण देश का स्वाभिमान और सम्मान ऊंचा हुआ और मुगलों के काल में स्वाधीनता की उन्होंने मशाल जलाई।उनकी शहादत अनुकरणीय है।

इस दौरान कार्यक्रम का संचालन शिक्षक मिथलेश ध्रुव व हेमराज ध्रुव ने किया। इस अवसर पर विशाल कार्यक्रम में जनपद पंचायत मैनपुर की जनपद सदस्य पनकींन बाई मरकाम,सखाराम मरकाम सरपंच कोकड़ी, दलसुराम मरकाम अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज राजापड़ाव क्षेत्र,खामसिंह मरकाम उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज राजापड़ाव क्षेत्र,सरपंच प्रतिनिधि गौरगांव चिमन नेताम,मेहतर राम,श्यामा मरकाम,हरचंद नेताम,रमेश नेताम,रामेश्वर ध्रुव,अन्नू ध्रुव,हेमराज ध्रुव,जयदेव नेताम,कैलाश मंडावी, मिथलेश ध्रुव,सरजुराम नेताम,दैनिक मंडावी,गोपाल मरकाम,रमेश मरकाम,धनीराम मरकाम,सतनामी मरकाम,पहलवान मरकाम,सियाराम मरकाम,रामसिंह मरकाम, चैतू राम मरकाम,प्रताप नेताम,बसिद मरकाम,गाडाराय मरकाम,महेंद्र नेताम,नकुल नेताम,गौतम माण्डवी, सोमनाथ मरकाम,रामचन्द नेताम,महेंद्र मंडावी,फलेश नेताम,अजय नेताम,श्रीराम मरकाम,धनराज मरकाम,रघुनाथ मरकाम,बुद्ध राम मंडावी,मानाराम मरकाम,सखाराम मंडावी,हीरासिंह मंडावी,चंद्रपाल पुजारी,राजेश मरकाम,अशोक नेताम,रामु कुमार ,मनीराम नेताम,ईश्वर नेताम,बीरबल नेताम,रमली मंडावी,जागृति मंडावी,सुरंतींन मरकाम,मंगली बाई नेताम,लख्मी बाई मरकाम,कृष्णा बाई मंडावी सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।