पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल; छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल के संकट का खतरा

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। डीजल के दाम में वृद्धि के बाद उभरे परिवहन दर के विवाद में छत्तीसगढ़ के पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए हैं। भारतीय पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड-BPCL से रेट विवाद के बाद ट्रांसपोर्टरों ने अपने करीब 250 टैंकर तेल कंपनी के डिपो के पास लखौली में खड़ा कर दिया है। अभी पेट्रोल पंपों पर स्थिति सामान्य है। लेकिन एक-दो दिन ऐसे ही हालात रहे तो पेट्रोल पंपों पर किल्लत हो सकती है।

हड़ताल में शामिल ट्रांसपोर्टरों का कहना है, कंपनी प्रत्येक पांच साल पर पेट्रोल परिवहन का टेंडर जारी करती है। 2017 से 2022 के लिए कंपनी ने 3.65 रुपया प्रति किलोमीटर पर टेंडर किया था। इस बार अगले पांच साल के लिए टेंडर होना है तो कंपनी 2.72 रुपया प्रति किमी की दर लेकर आई है। इसी बीच पेट्रोल-डीजल के दाम में बेतहासा वृद्धि हुई है। अगले पांच सालों में इसके कम होने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। आशंका है कि दाम और बढ़ेंगे। ऐसे में अगर 2.72 रुपया प्रति किमी की दर से ट्रांसपोर्ट किया गया तो हमारा पूरा कारोबार घाटे में चला जाएगा। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इस काम में छत्तीसगढ़ के करीब 900 ड्राइवर, क्लिनर और मैनेजर जुड़े हुए हैं। कम दर से सभी प्रभावित होंगे। उन लोगों ने हड़ताल शुरू कर दिया है ताकि कंपनी उनकी मांगों पर विचार करे।

10% रेट बढ़ाने की मांग

हड़ताली ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि कंपनी की पुरानी दर ही उनको कुछ सालों से भारी पड़ रही थी। कंपनी ने नई दर पहले से भी कम रखी है। इसकी वजह से उनकी दिक्कत बढ़ेगी। उनकी मांग है कि कंपनी पुराने रेट में 10% की वृद्धि कर नया रेट जारी करे।

कंपनी अधिकारियों से बातचीत जारी

हड़ताली ट्रांसपोर्टर ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया, कंपनी के अधिकारियों से कुछ देर पहले उन लोगों की बातचीत हुई है। कंपनी की प्रशासनिक टीम ने स्वीकार किया है कि ट्रांसपोर्टरों की मांग लीगल है। उम्मीद है कि कंपनी उनकी मांगों पर सहमत हो जाएगी। कंपनी के सहमत होने के बाद हम लोग फैसला करेंगे।