गोबर खरीदी व भुगतान को लेकर सदन में तीखी बहस, विपक्ष ने किया वॉकआउट

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रायपुर। राज्य में गोबर खरीदी को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में काफी बहस हुई। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने पूछा कि गोबर खरीदी के लिए किस मद से भुगतान हुआ है? कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि गोबर खरीदी के लिए गोधन न्याय योजना के मद से भुगतान हुआ है। शिवरतन शर्मा और अन्य भाजपा सदस्यों ने मंत्री पर गलत जवाब देने का आरोप लगाया, और कहा कि तेरहवें और चौदहवें वित्त आयोग के मद की राशि से पंचायतों को गोबर खरीदी का भुगतान करने के लिए कहा गया है। इस पूरे मामले पर कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

कृषि मंत्री ने बताया कि गोधन न्याय योजना के मद से भुगतान हुआ है। योजना में पिछली बार ग्रामीण विकास के मद की राशि से भुगतान किया गया था। इस बार आबकारी पर सेस लगाया गया है, और इसका भुगतान हो रहा है। विधानसभा में शुक्रवार को गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी व भुगतान मामला नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक व शिवरतन शर्मा ने उठाया। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने शिवरतन शर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में सदन को बताया कि गोधन न्याय योजना प्रारंभ दिनांक से 15 फरवरी 2021 तक 28 जिलों में 40.359 लाख क्विंटल गोबर क्रय कर 7752.13 लाख रुपये का भुगतान किया गया। प्रदेश में खरीदे गए गोबर से 70044.18 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार हुआ तथा 40643.41 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय विभिन्न संस्थाओं को किया गया जिसकी राशि 397.61 लाख है। वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए अनुपयुक्त हो गए गोबर की मात्रा निरंक हैं।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने सदन में सवाल किया कि कितनों ने गोबर बेचा है व कितनों को भुगतान हो गया तथा कितनी राशि का भुगतान होना शेष हैं? जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि गोधन न्याय योजना के प्रारंभ से 4 फरवरी 2021 तक 1,59,668 हितग्राहियों को 25000 से कम एवं 7200 हितग्राहियों को 25000 से 1 लाख रुपये तक तथा 344 हितग्राहियों को 1 लाख से अधिक राशि का भुगतान किया गया है। 4 फरवरी 2021 तक 270180 हितग्राही पंजीकृत है व 167450 हितग्राही द्वारा 74.6624 करोड़ का गोबर बेचा गया है जिसमें से 70,7281 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है तथा 3.934 करोड़ रुपये के भुगतान की कार्यवाही प्रकियाधीन है।

कौशिक ने इसके बाद प्रश्न पूछा कि डोंगरगढ़ में गोबर क्रय के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? इसके जवाब में रविंद्र चौबे ने कहा कि इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है जिसकी जांच प्रक्रियाधीन है। कौशिक ने फिर सवाल किया कि क्रय किए गए गोबर से कितनी खाद व अन्य सामग्री का निर्माण हुआ है व इनके विक्रय से कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा शेष गोबर का क्या किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने सदन को बताया कि योजना प्रारंभ दिनांक से 4 फरवरी 2021 तक 59960 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन हुआ है जिसमें से विक्रय वर्मी कम्पोस्ट की राशि 274.04 लाख है तथा अन्य सामग्रियों के निर्माण एवं विक्रय से 62.38 लाख प्राप्त हुई है। शेष गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, गोकाष्ठ, गोबर दिये, गमला, मूर्ति आदि का उत्पादन प्रक्रियाधीन हैं।