सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकारी नीतियों की आलोचना एंटी-नेशनल नहीं

केरल हाईकोर्ट का फैसला पलटा; मलयालम न्यूज चैनल से बैन हटाया

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मलयालम न्यूज चैलन पर लगे केंद्र सरकार के बैन को हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार की नीतियों और कदमों की आलोचना को एंटी-नेशनल नहीं कहा जा सकता है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया। हाईकोर्ट ने उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें केंद्र ने सुरक्षा कारणों से चैनल के ब्रॉडकास्ट पर रोक लगा दी थी। न्यूज चैनल ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 अहम टिप्पणियां

1. मीडिया वन न्यूज चैनल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दावे बिना किसी आधार के नहीं होने चाहिए। इसके पीछे मजबूत तथ्य होने चाहिए।

2. CJI चंद्रचूड़ ने कहा- ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे टेररिस्ट लिंक साबित होता हो। ऐसा कोई भी तथ्य नहीं है, जिससे साबित हो कि राष्ट्रीय सुरक्षा या फिर कानून-व्यवस्था प्रभािवत हुई हो।

3. उन्होंने कहा, “सभी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट को खूफिया नहीं कहा जा सकता है। इससे लोगों के अधिकारों और उनकी आजादी पर असर पड़ता है। सरकार को सूचनाओं को सार्वजनिक करने से पूरी तरह मुक्त नहीं किया जा सकता।

4. अदालत ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा लोगों को अधिकार छीनने के लिए नहीं उठाया जा सकता है। गृहमंत्रालय ने इस मामले में मनमाने ढंग से यह मुद्दा उठाया है। हम सरकार को ऐसा कदम नहीं उठाने दे सकते, जिससे प्रेस हर हाल में उसे समर्थन करे। सरकार की आलोचना किसी टीवी चैनल का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार नहीं हो सकता है।

5. कोर्ट बोली- लोकतांत्रिक देश मजबूती से चलता रहे, इसके लिए प्रेस की स्वतंत्रता जरूरी है। लोकतांत्रिक समाज में इसका किरदार बहुत अहम होता है। यह देश की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालता है।