सुशांत पर गर्व महसूस करते हैं सोनू सूद

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बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का कहना है कि वह सुशांत सिंह राजपूत पर गर्व महसूस करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने दम पर इंडस्ट्री में सफलता हासिल की। सुशांत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिजम (भाई-भतीजावाद) और इनसाइडर बनाम आउटसाइडर की बहस धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। अब इस बहस में सोनू सूद भी शामिल हो गए हैं। सोनू ने कहा है कि आउटसाइडर इस इंडस्ट्री में हमेशा आउटसाइडर रहते हैं। वहीं, स्टार किड्स को आसानी से एंट्री मिल जाती है। सोनू ने कहा, ‘सुशांत ने अपने दम पर इंडस्ट्री में काफी कुछ बड़ा किया। जब कोई आउटसाइडर इस शहर में आता है और बड़ा करता है, तो वह न्यू कमर्स को उम्मीद देता है। हजारों लोग इस शहर में रोज काम की तलाश में आते हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं, जिन्हें बड़ा ब्रेक मिलता है। एक आउटसाइडर हमेशा आउटसाइडर ही रहता है। इसलिए मैं आउटसाइडर्स से कहना चाहूंगा कि वह अपने आप को मजबूत रखें। इस बात की उम्मीद ना करें कि कोई चमत्कार होगा। स्टार किड्स के पास आसान एक्सेस होगा। उनके पिता बस फोन उठाएंगे और डायरेक्टर या फिल्म प्रोड्यूसर्स से बात करेंगे और उन्हें ब्रेक मिल जाएगा। कल यदि मेरे बच्चे इस इंडस्ट्री में जाना चाहें, तो शायद यह उनके लिए भी आसान होगा।’

प्रवासी मजदूरों की मदद करना मैजिक मोमेंट : सोनू सूद

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद का कहना है कि प्रवासी मजूदरों की मदद करना उनके जीवन का मैजिक मोमेंट रहा है। सोनू सूद से एक कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि उनके जीवन का मैजिक मोमेंट कौन सा रहा है। सोनू ने बताया, ‘कोविड-19 लॉकडाउन के समय मैंने जो भी काम प्रवासी मजदूरों के लिए किया वो मेरा मैजिक मोमेंट रहा है। जब भी मेरी फिल्म रिलीज होती थी तो मेरे माता-पिता कहते थे कि उन्होंने तुम्हारी फोटो। पोस्टर में क्यों नहीं लगाई है या फिर तुम्हारी फोटो इतनी छोटी क्यों है?’ सोनू सूद ने कहा, ‘तब मैं उनसे कहा करता था कि वो सब बडे एक्टर हैं और उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है। मैं उन्हें वादा किया करता था कि एक दिन मेरी भी बड़ी फोटो लगेगी। जब मैंने इन गरीबों की मदद करना शुरू किया तो मेरे बारे में आर्टिकल छपने शुरू हो गए। मुझे बहुत खुशी हुई और शायद इसीलिए मेरे माता पिता ने मेरे लिए कुछ जादू करना शुरू कर दिया है।’ गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में सोनू सूद लगातार प्रवासी मजूदूरों को उनके घर भेजने में मदद की है। सोनू ने मुंबई से देश के कई हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को बसों के जरिए घर भेजा है।