तंबाकू व इससे बने उत्पादों का सेवन बड़ा कारण
81 फीसदी मरीजों की बीमारी से जान चली गई। 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। मुंह व गले के कैंसर होने के प्रमुख कारणों में तंबाकू, तंबाकूयुक्त चीजों का सेवन व गुड़ाखू है। प्रदेश के कई हिस्सों में खासकर स्लम एरिया में बचपन तंबाकू खाने व गुड़ाखू करने में गुजर रहा है। (World No Tobacco Day) लंबे समय से इसके सेवन से ही मुंह व गले का कैंसर हो रहा है। ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) भी मुंह के कैंसर के लिए जिम्मेदार है।
तंबाकू खाने से गर्भवती महिलाएं भी प्रभावित
तंबाकू का सेवन गर्भवती महिलाओं व उनके बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार तंबाकू का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं में गर्भावस्था की जटिलता, जन्म के समय कम वजन व मृत शिशु के जन्म का खतरा बढ़ जाता है। (World No Tobacco Day) तंबाकू का सेवन करने से बच्चों में जन्मजात दोष, सांस लेने संबंधी समस्याएं व शारीरिक विकास प्रभावित हो सकता है।
प्रदेश में कैंसर की स्थिति
मरीजों की संख्या 75 से 80 हजार
हर साल 21 से 22 हजार नए मरीज
तंबाकू के सेवन से मुंह कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों (कार्सिनोजेंस) के संपर्क में आता है।
हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है और ब्रेन स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है।
तंबाकू के धुएं में 5 हजार से अधिक रसायन होते हैं। इनमें से 70 से अधिक कैंसर पैदा करते हैं।